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पुष्पा 2: वाइल्ड फायर का धमाकेदार एंटरटेनमेंट, फिल्म का स्वैग और एंटरटेनमेंट

पुष्पा 2 का जादू पहले से कहीं ज्यादा बड़ा और खतरनाक है। फिल्म में पुष्पा के किरदार ने फिर से दर्शकों को अपनी पकड़ में ले लिया है और इस बार वह खुद को वाइल्ड फायर कहता है। पुष्पा फ्लावर नहीं, बल्कि अब वह वाइल्ड फायर बन चुका है, और वाकई वह हर फ्रेम में ऐसा ही लगता है। इस फिल्म में एंटरटेनमेंट का एक जबरदस्त तड़का है, जिसमें लगातार एक के बाद एक धमाकेदार सीन होते हैं। अगर आप लॉजिक को छोड़कर सिर्फ एंटरटेनमेंट के लिए सिनेमा देखना चाहते हैं, तो पुष्पा 2 आपके लिए बिल्कुल सही है। फिल्म का मजा सिनेमा हॉल में ही आता है, और यह आपके दिमाग को पूरी तरह से कड़क बना देता है।

पुष्पा का नया अवतार और दुश्मनों का बढ़ता हुआ खतरा

फिल्म में पुष्पा अब एक बड़ा लाल चंदन स्मगलर बन चुका है और इस पूरे सिंडिकेट का मुखिया है। लेकिन जैसे-जैसे वह बढ़ता है, दुश्मन भी बढ़ते हैं। यही फिल्म का मुख्य कथानक है। पुष्पा अपनी बीवी की हर बात मानता है और एक बार बीवी से कहने के बाद वह सीएम से मिलने के लिए जाता है, जहां सीएम से फोटो खिंचवाने की योजना बनती है। लेकिन जब सीएम एक स्मगलर के साथ फोटो नहीं खिंचवाता, तो पुष्पा सीएम ही बदलने का प्लान कर देता है। उसे 5000 करोड़ का लाल चंदन विदेश स्मगल करना है। इस दौरान उसकी राह में पुलिसवाला भंवर सिंह शेखावत आ जाता है। फिल्म का असली मजा तो थिएटर में ही जाकर देखा जा सकता है, जहां हर सीन में धमाल मचता है।

मास एंटरटेनर और जबरदस्त एक्शन सीन

पुष्पा 2 पूरी तरह से एक मास एंटरटेनर फिल्म है, जहां हर एक फ्रेम आपको एंटरटेन करता है। फिल्म में न तो आप लॉजिक पर ध्यान देते हैं और न ही कुछ और, बस आपको एंटरटेनमेंट मिल रहा होता है। पुष्पा के हर एक्शन सीन पर सीटी और ताली बजने वाले मोमेंट्स होते हैं। फिल्म में पुष्पा का स्वैग बेहतरीन तरीके से दिखाया गया है। वह माफी तो मांगता है, लेकिन कभी भी झुकता नहीं है। जो होता है, वह पूरी तरह से बवाल होता है।

अल्लू अर्जुन और सह कलाकारों की बेहतरीन अदाकारी

अल्लू अर्जुन ने फिल्म में अपने शानदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया है। उनका स्वैग और उनकी हीरोगीरी फिल्म में शानदार तरीके से दिखाई देती है। हर फ्रेम में वह छाए हुए हैं और उनकी मेहनत साफ झलकती है। अल्लू अर्जुन ने हीरोपंती और हीरोगीरी के मायने बदल दिए हैं। उनके साथ रश्मिका मंदाना का काम भी सराहनीय है, जिन्होंने अपने किरदार में जान डाल दी है। फहाद फासिल का विलेन के रूप में पुलिसवाले का किरदार बेहतरीन था, जिसने फिल्म में जान डाल दी। वहीं, जगदीश प्रताप भंडारी, जगपत बाबू और सौरभ सचदेवा ने भी अपनी अदाकारी से फिल्म को और भी मजबूत किया है।

सुकुमार की शानदार डायरेक्शन और राइटिंग

सुकुमार की राइटिंग और डायरेक्शन शानदार है, जिन्होंने फिल्म को पूरी तरह से स्वैग और एंटरटेनमेंट के रूप में पेश किया। वह अपनी कहानी से भटके नहीं और उन्होंने लगातार एक के बाद एक शानदार सीन डाले, जो दर्शकों को हैरान कर देते हैं। फिल्म में सीन इतने जबरदस्त हैं कि एक सीन खत्म होने से पहले ही दूसरा कमाल का सीन आ जाता है, जो दर्शकों को थाम कर रखता है।

पुष्पा 2 एक मास एंटरटेनर फिल्म है, जो पूरी तरह से सिनेमाई अनुभव देने के लिए बनाई गई है। अगर आप लॉजिक और गहरे विचारों से दूर रहकर केवल एंटरटेनमेंट चाहते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। अल्लू अर्जुन का स्वैग, उनकी मेहनत और सुकुमार का निर्देशन फिल्म को एक नए स्तर पर ले जाता है।

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