क्या आप भी नॉन स्टिक बर्तन यूज करते हैं? अगर हां, तो आपको भी नॉन स्टिक बर्तनों का इस्तेमाल करने से होने वाले कुछ साइड इफेक्ट्स के बारे में जान लेना चाहिए।
नॉन स्टिक बर्तन आपके काम को भले ही आसान बना देते हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि नॉन स्टिक बर्तनों में खाना बनाना आपकी सेहत के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। दरअसल, नॉन स्टिक बर्तनों में खाना बनाकर खाने से आपकी सेहत पर ढेर सारे नेगेटिव असर पड़ सकते हैं। यही वजह है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स नॉन स्टिक बर्तनों का इस्तेमाल करने से बचने की सलाह देते हैं। आइए, इन्हें इस्तेमाल करने के कुछ नुकसानों के बारे में जानते हैं।
कई बीमारियों को करता है इन्वाइट
नॉन स्टिक बर्तनों में पाए जाने वाला पीएफओए कई गंभीर बीमारियों को आमंत्रित करने का काम कर सकता है। नॉन स्टिक बर्तनों में खाना पकाने की वजह से आप थायरॉइड, किडनी और लिवर से जुड़ी बीमारियां, ब्रेस्ट, प्रोस्टेट और ओवेरियन कैंसर के खतरे को भी काफी हद तक बढ़ सकते हैं।
इम्यून सिस्टम पर पड़ता है बुरा असर
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नॉन स्टिक बर्तनों को बनाने के लिए पेरफ्लूरूक्टेनोइक एसिड, एक तरह का टॉक्सिक केमिकल यूज किया जाता है। अगर आप नॉन स्टिक बर्तनों में खाना बनाएंगे तो ये जहरीला केमिकल आपकी बॉडी में जमा होने लगेगा और आपका इम्यून सिस्टम कमजोर होता जाएगा। अपनी इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखने के लिए नॉन स्टिक बर्तनों में खाना बनाना बंद कर दीजिए।
प्रेग्नेंसी के लिए खतरनाक
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुतबाकि प्रेग्नेंसी के दौरान खाना बनाने के लिए नॉन स्टिक बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो आपको केमिकल युक्त बर्तनों की जगह नेचुरल बर्तनों में बना खाना खाना चाहिए।
साथ ही ध्यान रहे कि अगर आपके नॉन स्टिक पैन में क्रैक पड़ गया है तो आपको इसमें खाना बनाने की गलती नहीं करनी चाहिए। अगर आप इस तरह के नुकसानों के बारे में जानने के बाद भी नॉन स्टिक बर्तनों का यूज करना चाहते हैं तो आपको साइड इफेक्ट्स की इंटेंसिटी को कम करने के लिए धीमी आंच पर खाना पकाना चाहिए।