Uttarakhand Weather:उत्तराखंड में बुधवार शाम को मौसम ने अचानक करवट बदली और तेज बारिश और बादल फटने की घटनाओं से भारी तबाही मच गई। टिहरी और रुद्रप्रयाग जिलों में इस आपदा का सबसे अधिक असर देखने को मिला।
टिहरी जिले के घनसाली में बादल फटने से गदेरे में उफान आ गया, जिसके चलते सड़क किनारे बना एक रेस्टोरेंट और आठ से दस वाहन बह गए। इस दुर्घटना में रेस्टोरेंट के संचालक, उनकी पत्नी और बेटे की दुखद मृत्यु हो गई। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया।
रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ जाने वाले पैदल मार्ग के कई हिस्से ध्वस्त हो गए हैं, जिसके कारण तीर्थ यात्रियों को पड़ावों पर ही रुकने का निर्देश दिया गया है। मंदाकिनी नदी का जलस्तर बढ़ने से गौरीकुंड और सोनप्रयाग में स्थिति गंभीर हो गई है। प्रशासन ने इन इलाकों की पार्किंग को खाली करा दिया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है।
प्रशासन और सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार और स्थानीय प्रशासन इस आपदा से निपटने के लिए तेजी से राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री और चिकित्सकीय सहायता पहुंचाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने स्थिति का जायजा लेने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।
स्थानीय निवासियों और तीर्थ यात्रियों के लिए सलाह
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और बारिश होने की संभावना जताई है, जिसके चलते लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
राहत और बचाव कार्य जारी
आपदा प्रबंधन की टीमें लगातार बचाव कार्य में लगी हुई हैं। सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण कई क्षेत्रों का संपर्क टूट गया है, जिसे बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है। राहत शिविरों में प्रभावित लोगों को आवश्यक सामग्री और चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
इस आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य जनजीवन पटरी पर लाने में समय लगेगा, लेकिन प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर इस कठिन समय का सामना कर रहे हैं।