हर साल जून के तीसरे गुरुवार को मनाए जाने वाले किडनी कैंसर दिवस का मकसद लोगों को इस खतरनाक बीमारी के प्रति जागरूक करना है। जो इस साल 20 जून को मनाया जा रहा है। बढ़ती उम्र में इस कैंसर के होने की संभावना ज्यादा होती है। हालांकि शुरुआती स्टेज में अगर इसका पता लग जाए तो इलाज संभव है।
लाइफस्टाइल डेस्क, लखनऊ _
किडनी का काम शरीर में मौजूद अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालना है। किडनी में किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर इस फंक्शन पर असर पड़ता है, जिससे शरीर कई रोगों का शिकार होने लगता है, जिसमें कैंसर भी शामिल है। इसी बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के मकसद से हर साल जून महीने के तीसरे गुरुवार को विश्व किडनी कैंसर दिवस मनाया जाता है, जो इस साल 20 जून को मनाया जा रहा है।
किडनी कैंसर
किडनी कैंसर में किडनी के सेल्स असामान्य रूप से बढ़ने लगते हैं। इसे रीनल कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। किडनी कैंसर शरीर के एक से ज्यादा हिस्सों में फैल सकता है। उम्र के साथ इस बीमारी के होने का खतरा बढ़ जाता है। 65 से 75 साल की उम्र वाले लोगों में इसके होने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है।
किडनी कैंसर का इलाज
डॉ दिनेश सिंह, चेयरमैन रेडिएशन ऑन्कोलॉजी एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल का कहना है कि, ‘समय-समय पर किडनी की जांच कराते रहने से किसी तरह की समस्या का जल्द पता लग जाता है, जिसे जल्द इलाज शुरू कर इसे ठीक किया जा सकता है। किडनी कैंसर का भी पता अगर फर्स्ट स्टेज में लग जाए, तो इसका इलाज मुमकिन है। किडनी कैंसर के उपचार में हाल के वर्षों में कई तकनीकें विकसित हुई हैं। इम्यूनोथेरेपी और टार्गेटेड थेरेपी जैसे लेटेस्ट ट्रीटमेंट्स के ऑप्शन्स ने मरीजों को नया जीवनदान दिया है।’
इम्यूनोथेरेपी
इम्यूनोथेरेपी में रोगी की इम्यून सिस्टम को कैंसर कोशिकाओं से लड़ने के लिए सशक्त बनाया जाता है। इसमें PD-1, PD-L1 और CTLA-4 जैसे इनहिबिटर शामिल होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को एक्टिव कर कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करते हैं।
टार्गेटेड थेरेपी
टार्गेटेड थेरेपी में खास जीन या प्रोटीन को टारगेट कर कैंसर कोशिकाओं ,को बढ़ने से रोका जाता है। इसमें वास्कुलर एंडोथेलियल ग्रोथ फैक्टर (VEGF) और ममलियन टार्गेट ऑफ रैपामाइसिन (mTOR) इनहिबिटर जैसे दवाएं शामिल होती हैं। इसके अलावा, रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन (RFA) औरक्रायोथेरेपी जैसी मिनिमली इनवेसिव तकनीकें भी किडनी कैंसर के उपचार में इस्तेमाल की जा रही हैं, इनसे रोगियों को कम दर्द होता है और उनकी रिकवरी भी जल्दी होती है।
ये भी पढ़ेंः- Chronic Kidney Disease में भूलकर भी न खाएं ये फूड आइटम्स, वरना पड़ सकते हैं लेने के देने
सर्जरी
सर्जरी में रोबोटिक सर्जरी का इस्तेमाल बढ़ रहा है, जिससे सर्जरी सही तरीके से और आसानी से हो जाती है। ये सभी ऑप्शन्स किडनी कैंसर से पीड़ित मरीजों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
ये भी पढ़ेंः- किडनी के बीमार होने पर ये 5 संकेत देता है शरीर, भूलकर भी न करें इन्हें अनदेखा