गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को नेशनल नारकोटिक्स हेल्पलाइन ‘MANAS’ का शुभारंभ किया, जो ड्रग्स तस्करी के खिलाफ आम जनता की सहभागिता को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इस हेल्पलाइन के माध्यम से लोग ड्रग्स तस्करी से संबंधित जानकारी एजेंसियों के साथ साझा कर सकते हैं।
नशा मुक्त भारत का संकल्प
अमित शाह ने नार्को कोआर्डिनेशन सेंटर (NCORD) की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि यह हेल्पलाइन नशा मुक्त भारत के संकल्प को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य भारत में एक भी ग्राम ड्रग्स को न आने देने और न ही भारत की सीमाओं का ड्रग्स व्यापार के लिए इस्तेमाल होने देने का है।
नार्को टेरर और देश की सुरक्षा
शाह ने बताया कि ड्रग्स का कारोबार अब नार्को टेरर से जुड़ गया है और इससे आने वाला पैसा देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन गया है। सरकार इस खतरे को पूरी तरह से रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर उन्होंने श्रीनगर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के क्षेत्रीय कार्यालय का वर्चुअल उद्घाटन भी किया।
‘MANAS’ हेल्पलाइन के उपयोग के तरीके
‘MANAS’ हेल्पलाइन पर तीन तरीकों से ड्रग्स तस्करी से संबंधित सूचना साझा की जा सकती है। पहला, 1933 हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर जानकारी दी जा सकती है। दूसरा, मानस पोर्टल पर ‘सबमिट ए टिप’ सेक्शन में जाकर जानकारी साझा की जा सकती है। तीसरे विकल्प के रूप में ईमेल आईडी इंफोडाटएनसीबीमानस@जीओवीडाटइन पर भी सूचना दी जा सकती है।
जानकारी की गोपनीयता और एजेंसियों का तालमेल
अमित शाह ने आश्वासन दिया कि ‘MANAS’ पर मिलने वाली जानकारी को पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा और एजेंसियां आपसी तालमेल से कार्रवाई करेंगी। इस हेल्पलाइन के विस्तार से राज्यों में एजेंसियों के बीच सहयोग और समन्वय को नए स्तर पर पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।
ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई और युवा पीढ़ी
प्रधानमंत्री मोदी के 2047 तक भारत को हर क्षेत्र में सर्वप्रथम बनाने के लक्ष्य का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि यह लक्ष्य तभी पूरा हो सकता है जब युवा पीढ़ी को ड्रग्स के अभिशाप से दूर रखा जाए। पिछले पांच वर्षों में ड्रग्स के खिलाफ सरकार के समन्वित प्रयासों के परिणामस्वरूप ड्रग्स तस्करों के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है।
ड्रग्स की तस्करी पर कठोर और मानवीय दृष्टिकोण
शाह ने कहा कि सभी एजेंसियों का लक्ष्य सिर्फ ड्रग्स उपयोग करने वालों को पकड़ना नहीं, बल्कि पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करना होना चाहिए। ड्रग्स की सप्लाई के मामले में कठोर, ड्रग्स की मांग के मामले में रणनीतिक, और ड्रग्स के नुकसान को कम करने के मामले में मानवीय दृष्टिकोण से काम करने की आवश्यकता है।