आयुर्वेद लोगों की जिंदगी के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। योग-प्राणायाम की मदद से आप न केवल अपनी किडनी की सेहत को मजबूत बना सकते हैं बल्कि अपनी ओवरऑल हेल्थ को भी काफी हद तक इम्प्रूव भी कर सकते हैं।
लोग अक्सर बीमारी की वजह से ठीक होने की उम्मीद छोड़ देते हैं। लेकिन एक-दो नहीं बल्कि ऐसी कई मिसाल हैं जहां योग-आयुर्वेद ने ऐसा चमत्कार किया कि मरीजों को जीने की एक नई उम्मीद मिली। लोगों को इस तरह की उम्मीद की जरूरत भी है क्योंकि आजकल तो बीमारियों का ऐसा जाल फैला हुआ है कि बचना मुश्किल हो रहा है। किडनी के मरीजों को तो यही बोला जाता है कि अगर गुर्दे खराब हो गए तो जिंदगी भर या तो डायलिसिस करवाते रहो या फिर महंगीट्रांसप्लांट सर्जरी करवाओ और उसके बावजूद भी पूरी तरह से ठीक होने की गारंटी नहीं होती। हालांकि अगर आप लगन और मेहनत से योग कर नेचुरल रेमेडीज अपनाते हैं तो आप किडनी से जुड़ी बीमारियों से जीत भी सकते हैं। ये बात स्वामी रामदेव के आश्रम पहुंचकर ठीक हुए मरीज ही नहीं कहते हैं बल्कि डॉक्टर्स का भी यही मानना है।
डॉक्टर्स के मुताबिक किडनी कैंसर जैसी घातक बीमारी को शुरुआती स्टेज में ही पहचान लिया जाए तो उसे 100 फीसदी ठीक किया जा सकता है। इलाज जानने से पहले ये समझने की जरूरत है कि ये बीमारी इतनी तेजी से फैल क्यों रही है? हेल्थ एक्सपर्ट्स इसके लिए मोटापा, स्मोकिंग की आदत, हाई ब्लड प्रेशर और बढ़ते प्रदूषण को जिम्मेदार ठहराते हैं। रिसर्चर्स के मुताबिक 10 साल पहले तक अस्पताल में पहुंचने वाले 90% मरीज 60 साल से उपर के होते थे। लेकिन अब तो 40% पेशेंट 40-50 साल की उम्र के होते हैं। किडनी पर हुए हमले को अगर वक्त रहते न रोका जाए तो शरीर में टॉक्सिंस बढ़ने लगते हैं और स्टोन का खतरा बढ़ जाता है। इतना ही नहीं ऑर्गन फेलियर की संभावना भी बढ़ सकती है। तो चलिए आज योगगुरू बाबा रामदेव के साथ मिलकर गुर्दों की हरबीमारी पर योगिक प्रहार करते हैं और लोगों को डायलिसिस-ट्रांसप्लांट से बचाते हैं…
किडनी बचाएं, आदत बनाएं
वर्कआउट करें
वजन कंट्रोल करें
स्मोकिंग से बचें
खूब पानी पीएं
जंकफूड से बचें
ज्यादा पेनकिलर न लें
किडनी स्टोन में फायदेमंद चीजें
खट्टी छाछ
कुलथ की दाल
कुलथ दाल का पानी
जौ का आटा
पत्थरचट्टा के पत्ते
किडनी को कैसे बचाएं?
सुबह 1 चम्मच नीम के पत्तों का रस पीएं
शाम को 1 चम्मच पीपल के पत्तों का रस पीएं
पथरी की वजह
पानी कम पीना
ज्यादा नमक-मीठा खाना
ज्यादा नॉन वेज
खानाकैल्शियम-प्रोटीन बढ़ना
जेनेटिक फैक्टर्स