Zika Virus: पुणे शहर में पिछले दो महीनों में जीका वायरस संक्रमण के कम से कम 66 मामले सामने आए हैं, नगर निगम के अधिकारियों ने आज जानकारी दी। एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार, इन मामलों में से चार मरीजों की मौत हो गई है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रत्येक मामले का कारण जीका संक्रमण नहीं था।
नगर निगम के अधिकारियों ने जनता से सतर्क रहने और स्वास्थ्य संबंधी सावधानियों का पालन करने की अपील की है। जीका वायरस के संक्रमण को लेकर आवश्यक जांच और उपचार की प्रक्रिया जारी है।
स्वास्थ्य विभाग की सलाह
स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों को मच्छरों से बचाव के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन करने की सलाह दी है:
- मच्छरदानी का उपयोग करें: सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।
- पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें: पूरी बाजू की शर्ट और लंबी पैंट पहनें।
- मच्छर निरोधक क्रीम का प्रयोग करें: मच्छरों से बचाव के लिए मच्छर निरोधक क्रीम का प्रयोग करें।
- घर के आसपास पानी जमा न होने दें: मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट करें।
- स्वास्थ्य केंद्रों से संपर्क करें: बुखार, दाने, और जोड़ों में दर्द होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।
जीका वायरस क्या है?
जीका वायरस एक मच्छर जनित वायरस है जो मुख्य रूप से एडीज एजिप्टी मच्छरों द्वारा फैलाया जाता है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के लक्षणों में बुखार, दाने, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द और लाल आँखें शामिल हो सकते हैं। गर्भवती महिलाओं में, जीका वायरस संक्रमण भ्रूण को प्रभावित कर सकता है और गंभीर जन्म दोषों का कारण बन सकता है।
निगरानी और उपचार
नगर निगम के अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे हैं और प्रभावित क्षेत्रों में मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए फॉगिंग और अन्य नियंत्रण उपाय कर रहे हैं। स्वास्थ्य केंद्रों पर जीका वायरस के मामलों की जांच और उपचार की व्यवस्था की गई है।
जनता को जागरूक रहने और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई सलाहों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि जीका वायरस के संक्रमण को रोका जा सके।