UPnews : शुक्रवार को लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और उनकी पूर्व सांसद बेटी संघमित्रा को फरार घोषित कर दिया है। यह आदेश कोर्ट ने बिना तलाक लिए धोखाधड़ी करके विवाह करने के मामले में दायर केस में लगातार पेशी पर नहीं आने के बाद जारी किया है। स्वामी प्रसाद मौर्य और उनकी बेटी संघमित्रा पर आरोप है कि उन्होंने एक महिला से बिना तलाक लिए दूसरे व्यक्ति से विवाह कर लिया। इस मामले में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
कोर्ट की कार्यवाही
- समन जारी: तीन बार समन जारी किया गया, जिसमें उन्हें कोर्ट में हाजिर होने के लिए कहा गया।
- जमानती वारंट: दो बार जमानती वारंट जारी किया गया।
- गैर-जमानती वारंट: एक बार गैर-जमानती वारंट जारी किया गया।
- इन सभी प्रयासों के बावजूद, स्वामी प्रसाद मौर्य और संघमित्रा कोर्ट में पेश नहीं हुए।
कोर्ट का निर्णय
कोर्ट ने लगातार पेशी पर नहीं आने के कारण पिता और पुत्री को फरार घोषित कर दिया है। यह आदेश कानूनी प्रक्रिया के तहत जारी किया गया है ताकि अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा सके और न्यायिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।
संभावित परिणाम
फरार घोषित होने के बाद पुलिस अब उन्हें गिरफ्तार करने के लिए अधिक सक्रिय हो जाएगी। यदि वे गिरफ्तार होते हैं, तो उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा और केस की सुनवाई आगे बढ़ेगी। फरार घोषित किए जाने से उनकी कानूनी स्थिति और अधिक गंभीर हो गई है।
क्या है पूरा मामला?
लखनऊ की सुशांत गोल्फ सिटी में रहने वाले दीपक कुमार स्वर्णकार का आरोप है कि संघमित्रा मौर्य के साथ वह 2016 में लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे थे। दीपक ने 3 जनवरी 2019 से शादी कर ली। हालांकि, बाद में शादी की बात छिपाने के लिए उन पर जानलेवा हमला किया गया। इसको लेकर दीपक कुमार कोर्ट चले गए। दीपक कुमार ने कोर्ट में कहा है कि संघमित्रा और उनके पिता ने पहले बताया कि संघमित्रा की पहले शादी हो चुकी है, जिसमें तलाक हो गया है।