Arjun Ram Meghwal: मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को लोक अदालतों के माध्यम से विवाद निपटाने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि कई बार लोग अदालती प्रक्रिया से इतना त्रस्त हो जाते हैं कि किसी भी तरह समझौता करना चाहते हैं ताकि उन्हें अदालत न आना पड़े।
कानून मंत्री का संबोधन
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी इस पहल की प्रशंसा की और कहा कि पांच दिन तक विशेष लोक अदालत लगाकर मामलों को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने की सुप्रीम कोर्ट की पहल सराहनीय है। मेघवाल ने इस अवसर पर उल्लेख किया कि भगवान कृष्ण ने कौरवों और पांडवों के बीच विवाद निपटाने के लिए पहली लोक अदालत लगाई थी। उन्होंने दिनकर की पंक्तियों का भी उल्लेख किया, जिसमें न्याय और समझौते की महत्ता को रेखांकित किया गया है।
लोक अदालतों की भूमिका
मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि लोक अदालतें विवादों को तेजी से और मित्रतापूर्ण तरीके से सुलझाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं। इससे न्याय प्रणाली पर बोझ भी कम होता है और लोग जल्दी से अपने विवादों का समाधान पा सकते हैं। उन्होंने बताया कि कई बार लोग अदालत की लंबी और जटिल प्रक्रिया से बचने के लिए किसी भी तरह समझौता करना पसंद करते हैं।
कार्यक्रम के अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
कार्यक्रम के दौरान, लोक अदालतों की उपयोगिता और उनके माध्यम से लोगों को मिल रही राहत पर भी चर्चा की गई। न्यायाधीशों और कानूनी विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि न्याय प्रणाली को अधिक प्रभावी और पहुंच योग्य बनाने के लिए इस तरह की पहलों को और अधिक बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
कानून मंत्री मेघवाल ने भी कहा कि लोक अदालतें न केवल विवादों को हल करती हैं, बल्कि समाज में सौहार्द और शांति बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने भगवान कृष्ण द्वारा स्थापित पहली लोक अदालत का उदाहरण देकर इस परंपरा की महत्ता को समझाया।
कार्यक्रम में न्याय और समझौते की महत्ता को रेखांकित किया गया और लोक अदालतों की भूमिका पर विस्तृत चर्चा हुई। मुख्य न्यायाधीश और कानून मंत्री ने इस पहल को समाज के लिए महत्वपूर्ण बताया और इसे और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।