लखनऊ में लोकल ट्रेन समझकर दर्जनों यात्री वंदे भारत एक्स्प्रेस (Vande Bharat Express) में चढ़ गए. इसके चलते ट्रेन में अफरातफरी मच गई. बड़ी मुश्किल से लोगों को समझा-बुझाकर ट्रेन से उतारा गया.
लखनऊ (Lucknow) से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां लोकल ट्रेन समझकर दर्जनों यात्री वंदे भारत एक्स्प्रेस (Vande Bharat Express) में चढ़ गए. इसके चलते ट्रेन में अफरातफरी मच गई. बड़ी मुश्किल से लोगों को समझा-बुझाकर ट्रेन से उतारा गया, तब जाकर वह अपने गंतव्य के लिए रवाना हुई. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. कांग्रेस ने इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर किया है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, वायरल वीडियो 9 जून की सुबह का है जब वंदे भारत ट्रेन चारबाग स्टेशन पर खड़ी हुई थी. रवाना होने के लिए जैसे ही ट्रेन को प्लेटफॉर्म पर लगाया गया, दर्जनों यात्री उसपर चढ़ने लगे. इस क्रम में ट्रेन में अफरातफरी मच गई. दरअसल, लोगों को गलतफहमी हो गई थी, उन्हें लगा कि ये कोई लोकल ट्रेन है.
बताया जा रहा है कि ट्रेन में चढ़ने वाले काफी लोग किसान संगठन से जुड़े थे. बाकी आम पैसेंजर थे. इन्होंने वंदे भारत को लोकल ट्रेन समझ लियथा और एसी कोच में चढ़ गए थे. कई लोग तो सीटों पर कब्जा करके बैठ भी बैठ गए थे. इसी बीच ऑटोमेटिक गेट होने के कारण ट्रेन का दरवाजा बंद हो गया.
ऐसे में अफरातफरी पर काबू पाने के लिए रेल प्रशासन को आरपीएफ और जीआरपी को बुलाना पड़ा. यही नहीं लाउडस्पीकर से अनाउंसमेंट भी कराना पड़ा, तब जाकर लोग वंदेभारत से उतरे और ट्रेन अपने समय से रवाना हो सकी.
मामले में पूर्वोतर रेलवे (लखनऊ) के अधिकारी महेश गुप्ता ने बताया कि ट्रेन संख्या-22545 जो लखनऊ से देहरादून जाती है, सुबह साढ़े चार बजे आती है और सवा पांच पर जाती है. वायरल हो रहा वीडियो 9 जून का है, उस दिन भी यह गाड़ी प्लेटफॉर्म पर लगी थी. तभी कुछ लोग अचानक से ट्रेन पर चढ़ गए. उनको नहीं पता था
कि ये रिजर्वेशन वाला कोच है. ऐसे में अनाउंसमेंट किया गया, जीआरपी और आरपीएफ को बुलाकर उन्हें उतरवाया गया. जिसके बाद उपरोक्त ट्रेन को समय से रवाना किया
कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना
वीडियो शेयर करते हुए कांग्रेस ने लिखा- “नरेंद्र मोदी जी.. रेलगाड़ी को आपने बैलगाड़ी बना दिया है. आपने ख्वाब दिखायकि हवाई जहाज में हवाई चप्पल पहनने वाला बैठेगा. हालात ये है कि हवाई चप्पल पहनने वाला ट्रेन में भी नहीं बैठ पा रहा है. असलियत ये है की आपने बीते 10 साल में रेलवे का कबाड़ा कर दिया है।