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हैदराबाद में चिकनगुनिया का प्रकोप: बच्चों में तेजी से बढ़ते मामले

Chikungunya : बरसात के मौसम के शूरू
के साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में डेंगू और अन्य मौसमी बीमारियों के मामलों में तेज़ी देखी जा रही है। हाल ही में हैदराबाद में बच्चों में चिकनगुनिया के मामलों में भारी वृद्धि देखने को मिली है, जिससे स्वास्थ्य अधिकारियों और स्थानीय निवासियों की चिंता बढ़ गई है।

चिकनगुनिया, जो कि एक वायरल बीमारी है, एडीज मच्छर के काटने से फैलती है। इस बीमारी के लक्षणों में तेज़ बुखार, गंभीर जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, सूजन और त्वचा पर चकत्ते शामिल हैं। बच्चों में यह बीमारी और भी गंभीर रूप ले सकती है, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता वयस्कों की तुलना में कम होती है।

हैदराबाद के सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में

चिकनगुनिया के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों में इसके लक्षण पहचानना और सही समय पर इलाज शुरू करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। निम्नलिखित जानकारी आपको इस बीमारी को पहचानने और इससे बचाव करने में मदद करेगी:

चिकनगुनिया के लक्षण

  • तेज़ बुखार: अचानक और तीव्र बुखार का होना।
  • जोड़ों में दर्द: विशेषकर हाथ, पैर, कलाई और टखनों में गंभीर दर्द।
  • सिरदर्द: लगातार सिरदर्द होना।
  • मांसपेशियों में दर्द: पूरे शरीर में मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन।
  • सूजन और चकत्ते:त्वचा पर लाल चकत्ते और सूजन का होना।

बचाव के उपाय

  • मच्छर के काटने से बचाव: मच्छरदानी का प्रयोग करें और मच्छर प्रतिरोधक क्रीम का उपयोग करें।
  • पानी का जमा न होने दें: अपने आसपास पानी का जमाव न होने दें, ताकि मच्छरों के पनपने की संभावना कम हो।
  • साफ-सफाई: अपने घर और आसपास की जगह को साफ-सुथरा रखें।
  • पूरी बाजू के कपड़े पहनें: मच्छरों से बचाव के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।

इलाज और देखभाल

चिकनगुनिया का कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों का उपचार किया जा सकता है। बुखार और दर्द के लिए डॉक्टर की सलाह पर दवाइयां ली जा सकती हैं। पर्याप्त आराम करें और खूब सारे तरल पदार्थ पीएं ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे।

स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे जागरूक रहें और चिकनगुनिया के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें। सामुदायिक स्तर पर जागरूकता बढ़ाने और मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।

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