Himachal Landslide:हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से भारी तबाही मची है। प्रदेश में अब तक 137 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 268 से अधिक सड़कें बंद हैं, जिससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह बाधित हो गई है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिसके कारण लोगों को सावधानी बरतने की हिदायत दी गई है।
भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति और नुकसान
वीरवार को हिमाचल प्रदेश में दिन की शुरुआत अच्छी धूप के साथ हुई, लेकिन दोपहर बाद शिमला, कुफरी, और कांगड़ा के नगरोटा सूरियां में जबरदस्त बारिश हुई। नगरोटा सूरियां में सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई, जिससे क्षेत्र में जलभराव हो गया और यातायात प्रभावित हुआ।शिमला शहर में भारी वर्षा के कारण सड़कें जलमग्न हो गईं, जिससे वाहन धीमे चलने को मजबूर हो गए। पांवटा साहिब से शिलाई और गुम्मा के बीच स्थित सतौन के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर पानी और मलबे के कारण कई वाहन फंसे।
भूस्खलन से सड़कें और संपत्ति हुई प्रभावित
कसौली के तड़ोल में भूस्खलन के कारण भोजनगर-चक्की मोड़ की सड़क का लगभग 50 मीटर हिस्सा धंस गया है, जिससे रास्ता बंद हो गया। जिला सोलन के कसौली में एक 200 वर्ष पुरानी कोठी पर तीन पेड़ गिरने से कोठी को नुकसान हुआ, लेकिन परिवार बाल-बाल बच गया। शिमला के रिवोली रोड पर भी पेड़ गिरने से एक दुकानदार घायल हो गया।प्रदेश के विभिन्न इलाकों में भूस्खलन और मलबा गिरने की घटनाओं से मंडी-कोटली राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कुल 268 सड़कें बंद हैं। मंडी जिले में 165, कुल्लू में 58, हमीरपुर में 33, सिरमौर में 22, लाहुल स्पीति में 12, कांगड़ा में 11, ऊना में तीन, शिमला में दो और सोलन में एक सड़क यातायात के लिए बंद है।
मौसम विभाग की चेतावनी और आगे की संभावना
मौसम विभाग ने 26, 27 और 28 जुलाई को भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। हालांकि 25 जुलाई को प्रदेश के कुछ स्थानों पर बारिश की संभावना जताई गई है, लेकिन अधिकांश इलाकों में मौसम साफ रहने का अनुमान है।
राहत और बचाव कार्य
प्रदेश में अभी तक 56 ट्रांसफार्मर खराब हो चुके हैं और 173 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। आपदा प्रबंधन दल, पुलिस, और अन्य सुरक्षा बल पूरी सतर्कता के साथ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य कर रहे हैं।