बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का दूसरा चरण अपने चरम पर पहुंच गया है। 11 नवंबर को होने वाले मतदान से पहले सियासी दलों ने मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस चरण के प्रचार अभियान को लेकर अभूतपूर्व तैयारी की। पार्टी के स्टार प्रचारकों ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में कुल 565 जनसभाएं और रोड शो आयोजित किए, जिससे पूरे बिहार का चुनावी माहौल गरमा गया।
प्रधानमंत्री से लेकर सीएम योगी तक मैदान में
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने इस चुनाव को प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाते हुए प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस चरण में 14 जनसभाओं को संबोधित किया। इन सभाओं में उन्होंने केंद्र सरकार की उपलब्धियों के साथ-साथ बिहार में विकास की योजनाओं को जनता के सामने रखा। पीएम मोदी ने अपने भाषणों में विपक्ष पर तीखे प्रहार करते हुए जनता से एनडीए को एक बार फिर मौका देने की अपील की।
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस चरण में 36 जनसभाएं और कई रोड शो किए। उनके इस प्रचार अभियान ने 168 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया। शाह ने अपने भाषणों में कानून व्यवस्था, विकास और राष्ट्रवाद के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में केवल एनडीए ही स्थिरता और प्रगति की गारंटी दे सकता है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी भाजपा के प्रमुख स्टार प्रचारकों में शामिल रहे। उन्होंने बिहार के विभिन्न जिलों में 31 जनसभाएं कीं। योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषणों में धार्मिक और सांस्कृतिक जुड़ाव के साथ-साथ विकास की राजनीति पर जोर दिया। उन्होंने जनसभाओं में कहा कि बिहार और उत्तर प्रदेश की जनता एक ही सांस्कृतिक धारा से जुड़ी है और भाजपा दोनों राज्यों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
चुनावी रणभूमि में BJP की रणनीति
भाजपा ने इस बार के चुनाव में डिजिटल प्रचार, सोशल मीडिया अभियानों और जमीनी स्तर पर बूथ प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया है। पार्टी की कोशिश है कि हर विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं तक सीधा संदेश पहुंचे। इसके लिए स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया गया है।
पार्टी के केंद्रीय और राज्य स्तर के नेताओं ने भी अपने-अपने क्षेत्रों में ताबड़तोड़ सभाएं कीं। बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और कई केंद्रीय मंत्री लगातार प्रदेश में डेरा जमाए हुए हैं। प्रचार का फोकस युवाओं, महिलाओं और पहली बार वोट देने वाले मतदाताओं पर रहा है।
विपक्ष पर तीखा प्रहार, विकास पर जोर
स्टार प्रचारकों ने अपने भाषणों में विपक्षी दलों के गठबंधन को “अवसरवादी” बताते हुए जनता को आगाह किया कि सत्ता परिवर्तन राज्य को पिछड़ेपन की ओर ले जा सकता है। भाजपा नेताओं ने केंद्र सरकार की योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत और डिजिटल इंडिया का हवाला देते हुए कहा कि बिहार में एनडीए की सरकार बनने से इन योजनाओं का लाभ और तेज़ी से मिलेगा।

