Bihar Election 2025: बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) के एक पोस्टर ने पूरे राज्य के सियासी माहौल को झकझोर दिया है। ‘अलविदा चाचा’ शीर्षक वाले इस पोस्टर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा प्रहार किया गया है। पोस्टर सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है और सियासी दलों के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है।
‘अलविदा चाचा’ पोस्टर ने बढ़ाई सियासी सरगर्मी
सपा द्वारा लगाए गए इस पोस्टर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को “पलटी मारने वाले नेता” के रूप में चित्रित किया गया है। पोस्टर के माध्यम से पार्टी ने नीतीश कुमार की राजनीतिक अदला-बदली पर सवाल उठाया है, जिसमें वे बार-बार अपने गठबंधन बदलने के लिए चर्चित रहे हैं। पोस्टर के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि नीतीश कुमार का राजनीतिक रुख अस्थिर है और उनकी नीतियां जनता के भरोसे के साथ खिलवाड़ करती हैं।
सपा ने इस पोस्टर के माध्यम से न केवल नीतीश कुमार पर, बल्कि केंद्र की भाजपा सरकार पर भी अप्रत्यक्ष निशाना साधा है। पार्टी का आरोप है कि भाजपा और जेडीयू की नीतियां आम जनता की परेशानियों को बढ़ा रही हैं, जबकि सत्ता पक्ष जनता की तकलीफों से बेखबर बना हुआ है।
अमित शाह और मोदी पर भी हमला, जनता की पीड़ा का चित्रण
पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को भी प्रतीकात्मक रूप में दिखाया गया है। इसके साथ ही पोस्टर में दो प्रमुख पंक्तियाँ लिखी गई हैं —
“जनता जब हंगार भरे तो महलों की नींव उखड़ती है”
“सांसे के बल पर ताज हवा में उड़ती है”
इन नारों के माध्यम से सपा ने यह स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की है कि जब जनता असंतोष जताती है, तो सत्ता की नींव डगमगा जाती है। पोस्टर यह भी संकेत देता है कि भाजपा की सरकार अब जनता के भरोसे की कसौटी पर खरी नहीं उतर रही है।
बिहार में बढ़ी राजनीतिक बयानबाजी
जैसे ही यह पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, बिहार के सियासी माहौल में गर्मी बढ़ गई। जेडीयू और भाजपा नेताओं ने सपा पर बिहार की राजनीति में अनावश्यक दखल का आरोप लगाया है, वहीं विपक्षी दलों ने इसे जनता की आवाज बताया है।
सपा के नेताओं का कहना है कि यह पोस्टर जनता की भावनाओं को दर्शाता है और यह सत्ता पक्ष की नीतियों के खिलाफ जनता के असंतोष का प्रतीक है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि में छिपा संदेश
विशेषज्ञों का मानना है कि इस पोस्टर के पीछे सिर्फ व्यंग्य नहीं, बल्कि एक राजनीतिक रणनीति भी है। सपा बिहार में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रही है और नीतीश कुमार की बदलती राजनीतिक नीतियों को मुद्दा बनाकर जनता के बीच अपनी पहचान मजबूत करना चाहती है।
वहीं भाजपा पर अप्रत्यक्ष प्रहार करके सपा ने राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता की भावना को भी हवा देने की कोशिश की है।
निष्कर्ष: बिहार की राजनीति में नया मोड़
‘अलविदा चाचा’ पोस्टर ने बिहार की सियासत में एक नया मोड़ ला दिया है। एक ओर सपा ने खुद को सक्रिय विपक्षी शक्ति के रूप में पेश किया है, वहीं नीतीश कुमार और भाजपा को अपनी राजनीतिक छवि बचाने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
इस पोस्टर युद्ध ने यह साफ कर दिया है कि आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति और भी गरमाएगी, और जनता को नए राजनीतिक समीकरणों का गवाह बनना पड़ेगा।

