इज़रायल और हमास के बीच युद्धविराम लागू होने के बाद अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक नया मोड़ तब आया जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को फोन कर पश्चिम एशिया की मौजूदा स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। यह बातचीत ऐसे समय हुई जब रूस ने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी गाज़ा शांति प्रस्ताव के विरोध में एक नया मसौदा पेश किया था। इस कदम ने मध्य-पूर्व से जुड़े कूटनीतिक समीकरणों को और अधिक जटिल बना दिया है।
पुतिन और नेतन्याहू की इस वार्ता का मुख्य केंद्र गाज़ा युद्धविराम के बाद की स्थिति, ईरान का परमाणु कार्यक्रम और सीरिया में जारी संघर्ष रहा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें इस वार्ता पर इसलिए भी टिकी रहीं क्योंकि हाल के हफ्तों से क्षेत्र में तनाव लगातार बढ़ रहा है और कई शक्तिशाली देशों की हस्तक्षेप नीति फिर से सक्रिय होती दिख रही है।
गाज़ा पर बातचीत
दोनों नेताओं ने गाज़ा में युद्धविराम के बावजूद जारी मानवीय संकट पर चिंता व्यक्त की। पुतिन ने गाज़ा में राहत सामग्री की निर्बाध आपूर्ति और नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण समाधान तभी संभव है जब सभी पक्ष संयम बरतें और राजनीतिक प्रयासों को बढ़ावा दें।
वहीं नेतन्याहू ने इज़रायल की सुरक्षा से जुड़ी अपनी चिंताओं को स्पष्ट करते हुए कहा कि इज़रायल किसी भी स्थिति में अपनी सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि हमास की गतिविधियाँ गाज़ा की स्थिरता में सबसे बड़ी बाधा बनी हुई हैं।
ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर चर्चा
वार्ता में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर भी विचार-विमर्श हुआ। इज़रायल लंबे समय से ईरान के परमाणु हथियारों की संभावनाओं को अपनी सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा मानता है। नेतन्याहू ने पुतिन से कहा कि ईरान की बढ़ती परमाणु क्षमताएँ पूरे क्षेत्र की स्थिरता को खतरे में डाल सकती हैं।
रूस, जो ईरान का करीबी सहयोगी है, इस मुद्दे पर संतुलित नीति अपनाता है। पुतिन ने यह स्पष्ट किया कि परमाणु हथियारों का प्रसार किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है और इस चुनौती से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग आवश्यक है।
सीरिया की स्थिति पर चर्चा
सीरिया में रूस की सैन्य भूमिका और इज़रायल की सुरक्षा रणनीति लंबे समय से संवेदनशील मुद्दे रहे हैं। दोनों नेताओं ने सीरिया की मौजूदा परिस्थितियों पर चर्चा करते हुए वहां सक्रिय उग्रवादी संगठनों और ईरान समर्थित समूहों पर बात की।
नेतन्याहू ने कहा कि सीरिया में ईरान समर्थित गतिविधियाँ इज़रायल की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं। वहीं पुतिन ने सुझाया कि सीरिया में स्थिरता तभी संभव है जब राजनीतिक समाधान को प्राथमिकता दी जाए और बाहरी हस्तक्षेप कम हो।

