Uttar Pradesh: लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष कौन होगा, इस पर चर्चा लंबे समय से चल रही थी। यह कहा जा रहा था कि अखिलेश यादव यह पद अपने चाचा शिवपाल यादव को सौंप सकते हैं। लेकिन, समाजवादी पार्टी ने विस्तृत मंथन के बाद माता प्रसाद पांडेय को अपना नेता प्रतिपक्ष नियुक्त कर दिया। इस घोषणा की जानकारी पार्टी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से दी।
अखिलेश यादव की बधाई
माता प्रसाद पांडेय की नियुक्ति पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें एक्स पर ट्वीट कर बधाई दी। अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में लिखा, “अति वरिष्ठ समाजवादी नेता माता प्रसाद पांडेय जी को यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में चुने जाने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। माता प्रसाद पांडेय जी का विधानसभा और उसकी स्वस्थ परंपराओं को जानने, समझने और मानने -मनवाने का दीर्घ अनुभव रहा है। जिस प्रकार वह विधि और विधि निर्माण की प्रक्रिया के ज्ञाता हैं, उसका लाभ न केवल सपा के सभी विधायकों बल्कि सदन में अध्यक्ष महोदय से लेकर मुख्यमंत्री और उनके सभी मंत्रियों व विधायकों को भी मिलेगा। आशा है, वह एक प्रकाश स्तंभ के रूप में संविधान की सशक्त परंपरा का मार्ग सदैव प्रकाशित करके, सही दिशा दिखाते रहेंगे।”
माता प्रसाद पांडेय का राजनीतिक सफर
माता प्रसाद पांडेय जी को 2012 में विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था। उस समय के निर्दलीय और सभी पार्टियों के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए माता प्रसाद का समर्थन किया था। माता प्रसाद पांडेय उत्तर प्रदेश विधानसभा के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने सत्रहवीं विधानसभा में सिद्धार्थनगर जिले के इटवा विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की थी। 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्होंने उत्तर प्रदेश की इटवा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से सातवीं बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे।
समाजवादी पार्टी की इस नियुक्ति से यह स्पष्ट होता है कि पार्टी अनुभव और परंपरा को महत्व देती है। माता प्रसाद पांडेय का लंबा राजनीतिक अनुभव और विधानसभा में उनकी गहरी समझ पार्टी के लिए बहुत लाभदायक होगी। उनकी नियुक्ति से पार्टी को विधायिका में एक मजबूत और अनुभवयुक्त नेता मिलेगा, जो पार्टी की नीतियों और सिद्धांतों को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत कर सकेगा।