Home Minster: शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) के दो उच्च पदस्थ अधिकारियों पर कड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने बीएसएफ के महानिदेशक (DG) नितिन अग्रवाल और उप विशेष महानिदेशक (पश्चिम) वाईबी खुरानिया को उनके पदों से हटा दिया है। सरकारी आदेश के अनुसार, नितिन अग्रवाल को डीजी पद से कार्यमुक्त कर उनके मूल कैडर यानी केरल कैडर में वापस भेज दिया गया है, जबकि वाईबी खुरानिया को ओडिशा कैडर में वापस भेजा गया है।
जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं पर कार्रवाई
बीएसएफ, जो जम्मू क्षेत्र सहित संवेदनशील भारत-पाकिस्तान बॉर्डर की रक्षा करता है, पिछले एक साल से जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं से जूझ रहा है। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ और बढ़ते आतंकी हमले को इन दोनों अधिकारियों पर कार्रवाई की सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है। हाल के दिनों में आतंकवादी हमलों में 22 लोगों की जान गई है, जिसके बाद भारत सरकार ने यह बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया है।
मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति का आदेश
मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) द्वारा जारी अलग-अलग आदेशों में कहा गया कि उन्हें ‘तत्काल प्रभाव से समय से पहले’ वापस भेजा जा रहा है। नितिन अग्रवाल भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के 1989 बैच के केरल कैडर के अधिकारी हैं, जबकि वाईबी खुरानिया 1990 बैच के ओडिशा कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं।
वाईबी खुरानिया की संभावित नई जिम्मेदारी
वाईबी खुरानिया को ओडिशा में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बनाया जा सकता है, जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नई सरकार ने हाल ही में कार्यभार संभाला है। नितिन अग्रवाल ने पिछले साल जून में बीएसएफ प्रमुख (BSF) के रूप में कार्यभार संभाला था और उन्हें जुलाई 2026 में रिटायर होना था। इस बीच, एक अलग आदेश में एसीसी ने 1989 बैच के ओडिशा कैडर के आईपीएस अधिकारी अमृत मोहन प्रसाद को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में एसडीजी के पद पर नियुक्त किया है।
सरकार का कड़ा कदम
यह कदम सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में बढ़ते आतंकी हमलों और सीमा सुरक्षा बल की जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेने का संकेत देता है। अधिकारियों की वापसी के आदेश से साफ है कि सरकार आतंकी घटनाओं को लेकर कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी और सुरक्षा में चूक के लिए उच्च पदस्थ अधिकारियों को भी नहीं छोड़ा जाएगा। यह भी दर्शाता है कि प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।
बीएसएफ के दो बड़े अधिकारियों नितिन अग्रवाल और वाईबी खुरानिया की वापसी का फैसला सरकार द्वारा आतंकी घटनाओं पर सख्त कदम उठाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। इससे न केवल सुरक्षा बलों की कार्यक्षमता में सुधार की संभावना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित होता है कि उच्च पदस्थ अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लें और राष्ट्रीय सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो।