INDIA Alliance protest: 6 अगस्त, मंगलवार को नई संसद के बाहर इंडिया ब्लॉक ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर लगाए गए 18 फीसदी जीएसटी के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में नेता विपक्ष राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, शिवसेना यूबीटी के संजय राउत समेत अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने भाग लिया।
टीएमसी सांसद का संसद में मुद्दा उठाना
इस मुद्दे को सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने संसद में भी उठाया था, जिसका सभी दलों ने समर्थन किया। विपक्ष का कहना है कि मेडिकल बीमा पर 18 फीसदी जीएसटी से मध्यम वर्ग पर भारी बोझ पड़ रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि जीएसटी परिषद ही इस मुद्दे पर निर्णय ले सकती है, लेकिन विपक्ष का तर्क है कि परिषद में दो-तिहाई सदस्य एनडीए शासित राज्यों से हैं।
बीमा पॉलिसी पर जीएसटी का असर
जीएसटी ज्यादा होने के कारण भारत में जीवन और मेडिकल बीमा पॉलिसी की पहुंच कम है। वैश्विक स्तर पर 7 फीसदी से अधिक लोगों की पहुंच मेडिकल बीमा तक है, जबकि भारत में यह 4 फीसदी से भी कम है। प्राइवेट बीमा कंपनियों में गलाकाट प्रतियोगिता और पारदर्शिता की कमी के कारण भी लोग बीमा पॉलिसी कम खरीदते हैं।
नितिन गडकरी का वित्त मंत्री को पत्र
केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर जीवन और चिकित्सा बीमा योजनाओं के प्रीमियम पर लगाए गए जीएसटी को वापस लेने का अनुरोध किया है। गडकरी ने लिखा है कि जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी लगाना जिन्दगी की अनिश्चितताओं पर टैक्स लगाने की तरह है और यह सामाजिक दृष्टिकोण से जरूरी है कि इन पर से जीएसटी को वापस लिया जाए।