52 वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेनों में होगा सुरक्षा का नया मानक
देशभर में चल रही 52 वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेनों ने यात्रियों के बीच खासा लोकप्रियता हासिल की है। ये ट्रेनें लगभग सभी राज्यों को (पूर्वोत्तर को छोड़कर) कवर कर रही हैं। यात्रियों की सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए भारतीय रेलवे एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। इस बदलाव की घोषणा स्वयं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की है।
यात्रियों की सुरक्षा रेलवे की प्राथमिकता
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा और सुरक्षा रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी कड़ी में, ट्रेन हादसों को रोकने के लिए वर्तमान में इस्तेमाल हो रही कवच 3.2 तकनीक की जगह कवच 4.0 तकनीक को मंजूरी दी गई है। अब भारतीय रेलवे अपनी ट्रेनों, स्टेशनों और ट्रैकों पर कवच 4.0 तकनीक का उपयोग करेगी, जिससे ट्रेन हादसों की संभावना को लगभग समाप्त किया जा सकेगा।
कवच 4.0 तकनीक से लैस होंगी वंदेभारत एक्सप्रेस
वर्तमान में चल रही 52 वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेनें कवच 3.2 तकनीक से लैस हैं। हालांकि, कवच 4.0 को मंजूरी मिलने के बाद इन ट्रेनों को भी नई तकनीक से अपडेट किया जाएगा। रेल मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस बदलाव में ज्यादा समय नहीं लगेगा और जल्द ही इस दिशा में काम शुरू हो जाएगा। कवच 4.0 तकनीक की विशेषता यह है कि यह पहाड़ी इलाकों, समुद्री तटों, बर्फबारी वाले क्षेत्रों और घने जंगलों जैसे विभिन्न चुनौतीपूर्ण स्थानों पर परीक्षण में सफल रही है। इसके बाद ही रेलवे अनुसंधान और डिजाइन संगठन (RDSO) ने इसे मंजूरी दी है।
कवच 4.0 का उपयोग और विस्तार
कवच तकनीक का उपयोग पहले ही 1,465 किलोमीटर ट्रैक और 121 इंजनों पर किया जा चुका है। आगरा मंडल ने परीक्षण के लिए मथुरा (स्टेशन को छोड़कर) और पलवल के बीच 80 किलोमीटर लंबे सेक्शन पर कवच नेटवर्क तैयार कर दिया है। अब रेलवे मंत्रालय ने इस तकनीक को दो और रूटों पर लगाने का फैसला किया है। भारतीय रेलवे में करीब 20,000 इंजन हैं, और अगले चार सालों में प्रत्येक वर्ष लगभग 5,000 इंजनों पर कवच 4.0 तकनीक लगाई जाएगी।
कवच 4.0 के साथ सुरक्षित रेल यात्रा का वादा
कवच 4.0 तकनीक ट्रेनों में टक्कर होने की संभावना को पूरी तरह से खत्म करने का लक्ष्य रखती है। इसके साथ ही, ट्रैक और स्टेशन प्वाइंट पर भी इस तकनीक का उपयोग किया जाएगा। तीनों स्थानों पर कवच 4.0 तकनीक के लागू होने से भारतीय रेलवे की सुरक्षा मानकों में एक नया अध्याय जुड़ जाएगा।
यह तकनीकी उन्नति न केवल वंदेभारत एक्सप्रेस यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगी, बल्कि भारतीय रेलवे के पूरे नेटवर्क को भी एक सुरक्षित और भरोसेमंद परिवहन माध्यम बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।