Kolkata: कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले के बाद, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत, केंद्र सरकार ने राज्यों को अस्पताल परिसरों में चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों में रात के समय अस्पतालों में गश्त और प्रमुख क्षेत्रों में लोगों की पहुंच पर नियंत्रण करने जैसे उपाय शामिल हैं।
पश्चिम बंगाल में विरोध प्रदर्शन और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव का पत्र
आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हाल ही में हुई घटना के बाद, रेजिडेंट डॉक्टरों ने कार्यस्थलों पर सुरक्षा और न्याय की मांग को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने 23 अगस्त को मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने चिकित्सा संस्थानों में हिंसा की घटनाओं और कोलकाता की घटना के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों का उल्लेख किया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश और आवश्यक कार्रवाई
22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव, मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ मिलकर काम करेंगे, ताकि राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश अस्पतालों में सुरक्षा के बुनियादी न्यूनतम उपाय लागू कर सकें। न्यायालय ने यह भी आदेश दिया है कि राष्ट्रीय कार्य बल (एनटीएफ) डॉक्टरों और स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के लिए एक प्रोटोकॉल तैयार करेगा।
स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए तात्कालिक उपाय
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने पत्र में कुछ तात्कालिक उपायों की सिफारिश की है। इनमें स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा बढ़ाने और सुरक्षित कार्य वातावरण प्रदान करने के लिए राज्य के कानूनों और न्याय संहिता की धाराओं को अस्पताल परिसर में प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित करने पर जोर दिया गया है। इसके अलावा, अस्पताल सुरक्षा समिति और हिंसा रोकथाम समिति के गठन की आवश्यकता पर भी बल दिया गया है, जिसमें वरिष्ठ डॉक्टर और प्रशासनिक अधिकारी शामिल होंगे।
अस्पताल सुरक्षा और रात की गश्त के लिए निर्देश
पत्र में अस्पताल के प्रमुख क्षेत्रों में लोगों और मरीजों के रिश्तेदारों की पहुंच को नियंत्रित करने, सख्त आगंतुक पास नीति लागू करने, और रात की ड्यूटी के दौरान रेजिडेंट डॉक्टरों और नर्सों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के उपायों पर जोर दिया गया है। इसमें अस्पतालों में उचित रोशनी की व्यवस्था और नियमित सुरक्षा गश्त की भी सिफारिश की गई है।
आंतरिक समिति और सीसीटीवी की समीक्षा
अस्पतालों में यौन उत्पीड़न के मामलों को रोकने के लिए एक आंतरिक समिति गठित करने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही, सीसीटीवी कैमरों की स्थिति और उनकी आवश्यकता की समीक्षा करने की बात की गई है। मंत्रालय इन उपायों को लागू करने के लिए मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ बैठक कर रहा है।
इस प्रकार, केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों के मद्देनजर, राज्यों को चिकित्सकों की सुरक्षा और अस्पतालों में सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की आवश्यकता है।