Jammu Kashmir Election 2024: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए 17 उम्मीदवारों की सूची जारी की है। इस सूची में पार्टी ने विभिन्न क्षेत्रों से अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है। ईदगाह विधानसभा क्षेत्र से मोहम्मद खुर्शीद आलम, गांदरबल से बशीर अहमद मीर, और नौशेरा से हक नवाज को चुनावी मैदान में उतारा गया है। यह चुनावी घोषणाएं जम्मू-कश्मीर में दस साल बाद हो रहे विधानसभा चुनावों के संदर्भ में महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं।
विधानसभा चुनाव में उत्साह और नामांकन
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए व्यापक उत्साह देखा जा रहा है। पहले चरण के मतदान के लिए दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, शोपियां, अनंतनाग, और कुलगाम जिलों के साथ-साथ चिनाब वैली के किश्तवाड़, डोडा, और रामबन जिलों की 24 विधानसभा सीटों पर 280 नामांकन हुए हैं। इस चुनावी प्रक्रिया में विभिन्न राजनीतिक दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपनी दावेदारी पेश की है।
प्रमुख उम्मीदवारों और उनके क्षेत्र
पीडीपी की सूची में शामिल उम्मीदवारों में कई प्रमुख नाम हैं जो चुनावी क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने भी चुनावी पर्चा भरा है। किश्तवाड़ के अनिल परिहार, जो आतंकियों की गोली का शिकार बने थे, उनकी पत्नी शगुन परिहार भी इस चुनाव में भाग ले रही हैं। इसके अलावा, पूर्व मंत्री सुनील शर्मा और शक्तिराज परिहार, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष विकार रसूल वानी और जीए मीर, नेकां के पूर्व सांसद हसनैन मसूदी, सीपीआई एम नेता एम वाई तारिगामी, और पूर्व विधायक जीएम सरूरी ने भी पर्चा भरा है।
राजनीतिक दलों की सक्रियता
इस चुनावी मौसम में विभिन्न राजनीतिक दलों की सक्रियता बढ़ गई है। पीडीपी, जो कि जम्मू-कश्मीर की प्रमुख क्षेत्रीय पार्टियों में से एक है, ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा के साथ-साथ चुनावी रणनीति को भी सक्रिय कर दिया है। दूसरी ओर, कांग्रेस, नेकां, और सीपीआई एम जैसे दल भी अपने-अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर चुके हैं और चुनावी प्रचार में जुट गए हैं।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। पीडीपी की ओर से जारी की गई 17 उम्मीदवारों की सूची इस बात का संकेत देती है कि पार्टी चुनावी मैदान में पूरी तैयारी के साथ उतरी है। आने वाले दिनों में चुनावी प्रचार और उम्मीदवारों के विवादों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक तस्वीर स्पष्ट होती जाएगी। चुनावी प्रक्रिया में विभिन्न दलों की भागीदारी और रणनीतियों के अनुसार राज्य की राजनीतिक दिशा तय होगी।