Sitapur : सीतापुर जिले के सदरपुर थाना इलाके में तीन दिन के भीतर आदमखोर भेड़िए ने कई लोगों पर ताबड़तोड़ हमले किए हैं। इस खौफनाक घटना में एक वृद्धा की मौत हो गई है, जबकि चार बच्चों समेत कुल पांच लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। भेड़िए ने एक बकरे को भी शिकार बना लिया। भेड़िए के इस आतंक के कारण इलाके के लोग दहशत में हैं और अपने घरों में कैद हो गए हैं। वे लाठी-डंडों के साथ बाहर निकल रहे हैं और बच्चों व जानवरों को सुरक्षित रखने के लिए कड़े सुरक्षा उपाय कर रहे हैं। वन विभाग की ओर से इन घटनाओं की जानकारी होने की कोई पुष्टि नहीं की गई है।
भेड़िए के हमलों की शुरुआत
सदरपुर थाना इलाके में भेड़िए के हमलों की शुरुआत सोमवार की शाम को हुई। पहले हमला भरथरी गांव की निवासी 80 वर्षीय सैफुल्ला पर हुआ। वह शौच के लिए खेतों की ओर गई थीं, जब भेड़िया उन पर हमला कर बैठा। इस हमले में सैफुल्ला की मौके पर ही मौत हो गई। मृतका के दामाद शरीफ ने बताया कि सैफुल्ला अकेली ही रहती थीं क्योंकि उनकी एक ही बेटी थी। काफी देर तक जब वह घर नहीं लौटीं, तो पड़ोसियों ने तलाश शुरू की और उनका शव गांव के बाहर मिला। शव पर भेड़िए के पंजे के निशान थे। अंतिम संस्कार के पहले वन विभाग और पुलिस को सूचना नहीं दी गई।
भेड़िए द्वारा किए गए अन्य हमले
मृतका के अगले दिन वसीम का लड़का बकरा चराने खेत गया था। अचानक भेड़िए ने उसके बकरे पर हमला कर दिया, जिससे बकरे की मौत हो गई। भेड़िया देख कर वसीम और अन्य लोग भाग खड़े हुए। इसके बाद, धरमपुर के अतीक ने भी दोपहर के समय आम के बाग में भेड़िए को देखा और शोर मचाकर गांव की ओर दौड़ पड़े। भेड़िया गांव की ओर से आते लोगों को देख खेतों में घुस गया। इसके बाद, भेड़िए ने एक के बाद एक कई लोगों पर हमले किए। कैसरजहां (50), मो. शफी (35), सरफराज (6), नाहिद (3), मंजीत (10) और कन्हैया (8) पर भेड़िया ने सिलसिलेवार हमला किया, जिसमें ये सभी लोग घायल हो गए।
वन विभाग की प्रतिक्रिया
वन क्षेत्राधिकारी विक्रम जीत सिंह ने इन घटनाओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ग्रामीणों ने वन विभाग को इन घटनाओं की कोई सूचना नहीं दी। अगर सूचना दी जाती, तो विभाग तत्काल कार्यवाही करता। उन्होंने आश्वासन दिया कि इन मामलों की पूरी जांच की जाएगी और एक टीम भेजकर घटनाओं की विस्तृत जांच कराई जाएगी। विभाग इस मामले में गंभीरता से काम कर रहा है और आदमखोर भेड़िए की पकड़ के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
वन विभाग की प्रतिक्रिया
वन क्षेत्राधिकारी विक्रम जीत सिंह ने इन घटनाओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ग्रामीणों ने वन विभाग को इन घटनाओं की कोई सूचना नहीं दी। अगर सूचना दी जाती, तो विभाग तत्काल कार्यवाही करता। उन्होंने आश्वासन दिया कि इन मामलों की पूरी जांच की जाएगी और एक टीम भेजकर घटनाओं की विस्तृत जांच कराई जाएगी। विभाग इस मामले में गंभीरता से काम कर रहा है और आदमखोर भेड़िए की पकड़ के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
सामुदायिक सुरक्षा के उपाय
भेड़िए के हमलों की वजह से स्थानीय लोग अब सामूहिक सुरक्षा के उपाय अपना रहे हैं। वे लाठी-डंडों से लैस होकर घरों से बाहर निकल रहे हैं और बच्चों व जानवरों को सुरक्षित स्थानों पर रखने का प्रयास कर रहे हैं। लोगों की सुरक्षा के लिए इलाके में विशेष सतर्कता बरती जा रही है और वन विभाग की कार्रवाई की प्रतीक्षा की जा रही है।
सदरपुर में भेड़िए के आतंक से निपटने के लिए लोगों और अधिकारियों को मिलकर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।