Monkeypox cases:भारत में मंकीपॉक्स का दूसरा मामला सामने आया है, जिससे स्वास्थ्य अधिकारियों में चिंता बढ़ गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस संदर्भ में राज्यों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 14 अगस्त को मंकीपॉक्स को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था।
मंकीपॉक्स क्या है?
मंकीपॉक्स एक वायरल संक्रमण है, जो मुख्य रूप से अफ्रीका के कुछ क्षेत्रों में पाया जाता है। यह वायरस जानवरों से इंसानों में फैलता है और संक्रमण के मामले में आमतौर पर बुखार, शरीर में दर्द, और त्वचा पर चकत्ते जैसी लक्षण दिखाई देते हैं।
घबराने की आवश्यकता नहीं
हालांकि मंकीपॉक्स के मामलों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है। उचित सावधानी बरतने से इस वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को सतर्क रहने और स्वास्थ्य अधिकारियों की सलाह का पालन करने का आग्रह किया है।
सावधानियाँ बरतने की आवश्यकता
मंकीपॉक्स से बचने के लिए कुछ मुख्य सावधानियाँ अपनाई जानी चाहिए:
- साफ-सफाई: व्यक्तिगत और सामुदायिक स्वच्छता का ध्यान रखें। नियमित रूप से हाथ धोना और साफ-सुथरा रहना जरूरी है।
- संक्रमित व्यक्तियों से दूरी: यदि किसी को मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई दें, तो उनसे दूरी बनाना महत्वपूर्ण है।
- पशु संपर्क: जंगली जानवरों या संक्रमित जानवरों से संपर्क करने से बचें, क्योंकि ये वायरस का प्राथमिक स्रोत हो सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे मंकीपॉक्स के मामलों की निगरानी करें और संदिग्ध मामलों की तुरंत जांच करें। लोगों को सचेत रहने और स्वास्थ्य जांच करवाने के लिए प्रेरित किया गया है।
मंकीपॉक्स का बढ़ता खतरा
मंकीपॉक्स की बढ़ती चिंता के बीच, सावधानी बरतना और स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह का पालन करना आवश्यक है। इससे न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि संक्रमण के फैलाव को भी रोका जा सकेगा। जनता को चाहिए कि वे सचेत रहें और किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
सही जानकारी और सतर्कता से हम इस स्थिति का सामना कर सकते हैं और सुरक्षित रह सकते हैं।