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जितिया व्रत: संतान की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए कठोर उपवास

जितिया व्रत का महत्व

आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जितिया व्रत (जिसे जिउतिया या जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहा जाता है) रखा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से संतान की दीर्घायु, सुरक्षा और सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से संतान दीर्घायु और तेजस्वी होती है। यह व्रत माताओं द्वारा संतान की रक्षा के लिए किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण और कठिन व्रत है, जिसे संतान का रक्षाकवच भी कहा जाता है।

जितिया व्रत की परंपरा

जितिया व्रत तीन दिनों तक मनाया जाता है।

  1. पहले दिन नहाय-खाय (Jitiya Nahay Khay) की परंपरा होती है। इस दिन माताएं पवित्र स्नान कर स्वच्छ भोजन ग्रहण करती हैं।
  2. दूसरे दिन माताएं कठोर निर्जला व्रत करती हैं, जिसमें जल और अन्न ग्रहण करने की मनाही होती है।
  3. तीसरे दिन व्रत का पारण (Jitiya Paran) किया जाता है, जिसमें व्रत तोड़ा जाता है।

2024 में जितिया व्रत की तिथियां

इस साल जितिया व्रत की शुरुआत 24 सितंबर 2024 को नहाय-खाय से होगी। 25 सितंबर को माताएं निर्जला व्रत रखेंगी और 26 सितंबर को व्रत का पारण किया जाएगा।

व्रत के कठोर नियम और सावधानियां

जितिया व्रत के कुछ कठोर नियम होते हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है। व्रत के दौरान कोई भी त्रुटि या भूल नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, इसलिए इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  1. निर्जला व्रत: जितिया व्रत में माताएं बिना जल और अन्न के उपवास करती हैं। नवमी तिथि के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है।
  2. अपशब्द और बुरे विचारों से बचें: व्रत वाले दिन किसी को अपशब्द न कहें और न ही मन में बुरे विचार लाएं।
  3. ब्रह्मचर्य का पालन: व्रती को पूर्ण रूप से मन, वचन और कर्म से शुद्ध रहना चाहिए। शारीरिक और मानसिक पवित्रता बनाए रखना अनिवार्य है।

संतान प्राप्ति और सुखी जीवन की कामना

जिन महिलाओं को संतान प्राप्ति की इच्छा होती है, वे भी इस व्रत को करती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जितिया व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। कठिन नियमों और उपवास के बावजूद, माताएं अपने बच्चों की सुख-समृद्धि और सुरक्षा के लिए इस व्रत को पूरे विधि-विधान से करती हैं।

जितिया व्रत माताओं द्वारा संतान की दीर्घायु और सुखी जीवन के लिए किया जाने वाला महत्वपूर्ण उपवास है, जिसमें आस्था, प्रेम और समर्पण झलकता है।

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