उत्तर प्रदेश राजस्व विभाग ने अपने कर्मचारियों के लिए एक नया ड्रेस कोड जारी किया है। इस नए निर्देश के तहत विभाग के फील्ड अधिकारियों और कर्मचारियों को अब निर्धारित ड्रेस कोड में ही अपने कार्यक्षेत्र में उपस्थित होना अनिवार्य होगा। इसका उद्देश्य कर्मचारियों की पहचान को स्पष्ट करना और फील्ड में उनके कार्यों को सुचारू रूप से संपन्न कराना है।
नए ड्रेस कोड का विवरण
राजस्व विभाग के नए ड्रेस कोड के अनुसार, कर्मचारियों को सफेद रंग की शर्ट और फॉर्मल ब्लेजर पहनना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, इनकी बाईं जेब पर विभाग का प्रतीक चिन्ह भी लगाना होगा, जिससे उनकी पहचान और भी स्पष्ट हो सकेगी। यह निर्देश मुख्य रूप से लेखपाल, अमीन, राजस्व निरीक्षक और नायाब तहसीलदारों के लिए जारी किया गया है।
ड्रेस कोड का उद्देश्य
राजस्व विभाग के अधिकारियों का मानना है कि कर्मचारियों को यूनिफॉर्म में देखकर उनकी पहचान करना आसान होगा, जिससे फील्ड में काम करते समय लोगों के साथ बातचीत में सहजता आएगी। अक्सर फील्ड स्टाफ को आम जनता से जानकारी एकत्र करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि लोग उन्हें पहचान नहीं पाते। ड्रेस कोड लागू होने से इस समस्या का समाधान हो सकेगा और जनता का विश्वास भी कर्मचारियों पर बढ़ेगा।
राजस्व विभाग के प्रतीक चिन्ह का उपयोग
ड्रेस कोड के साथ ही राजस्व विभाग ने अपने प्रतीक चिन्ह के उपयोग का भी निर्देश जारी किया है। यह चिन्ह अब मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और उनके कार्यालयों में लिखित पत्राचार और लेखन सामग्री पर अनिवार्य रूप से लगाया जाएगा। इसके साथ ही फील्ड स्टाफ जैसे लेखपाल, अमीन और अन्य अधिकारियों को अपनी वर्दी पर भी इस चिन्ह को लगाना होगा। प्रतीक चिन्ह के प्रयोग से कर्मचारियों की विश्वसनीयता और उनके अधिकारों का प्रदर्शन और भी स्पष्ट रूप से हो सकेगा।
निर्देशों का पालन
राजस्व विभाग के विशेष कार्याधिकारी सुनील कुमार झा द्वारा प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश भेजे गए हैं। इसमें स्पष्ट किया गया है कि यह ड्रेस कोड और प्रतीक चिन्ह का उपयोग तुरंत प्रभाव से लागू किया जाएगा। इसका पालन सभी तृतीय श्रेणी के फील्ड अधिकारियों द्वारा अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए।
राजस्व विभाग द्वारा लागू किए गए इस नए ड्रेस कोड और प्रतीक चिन्ह के उपयोग का उद्देश्य कर्मचारियों की पहचान को सुगम बनाना और जनता के साथ उनके कार्यों को अधिक प्रभावी बनाना है। यह कदम न केवल विभागीय अनुशासन को बढ़ावा देगा, बल्कि कर्मचारियों की सुरक्षा और सम्मान को भी सुनिश्चित करेगा।