उत्तर प्रदेश की दस विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की तैयारियाँ तेजी से आगे बढ़ रही हैं। सोमवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी की कोर कमेटी की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में उपचुनाव की तैयारियों और संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की गई। बीजेपी ने सभी सीटों के लिए तीन-तीन उम्मीदवारों की सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसे जल्द ही केंद्रीय चुनाव समिति को भेजा जाएगा।
रणनीति पर चर्चा
बैठक में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, संगठन महामंत्री धर्मपाल, और दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य तथा ब्रजेश पाठक सहित कई प्रमुख पदाधिकारी मौजूद थे। इस दौरान, उपचुनाव में प्रत्याशियों के चयन के लिए जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों पर विस्तार से चर्चा की गई। पार्टी ने सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक सीट के लिए तीन-तीन संभावित उम्मीदवारों की एक पैनल तैयार किया है।
उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया
बीजेपी की योजना है कि जल्द ही उम्मीदवारों के नामों की सूची केंद्रीय नेतृत्व को भेजी जाएगी, जिसके बाद अंतिम उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा। चुनाव आयोग द्वारा यूपी में उपचुनाव की तारीखों का ऐलान भी जल्द ही किया जा सकता है, और माना जा रहा है कि नवंबर महीने में ये उपचुनाव आयोजित किए जा सकते हैं। इस संदर्भ में, बीजेपी और समाजवादी पार्टी (सपा) दोनों ही अपनी तैयारियों में जुटी हुई हैं।
मुख्यमंत्री का सक्रिय योगदान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपचुनाव वाली सभी सीटों का दौरा भी किया है। बीजेपी ने उपचुनाव को अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है और सीएम योगी इस चुनाव की तैयारी में पूरी ताकत से लगे हुए हैं। पार्टी अधिक से अधिक सीटें जीतकर यह संदेश देना चाहती है कि उत्तर प्रदेश में सब कुछ ठीक है। सीएम योगी ने मिल्कीपुर और कटेहरी सीट को जिताने की जिम्मेदारी स्वयं ली है, जो उनके नेतृत्व और पार्टी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उपचुनाव की सीटें
उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर जैसी दस महत्वपूर्ण सीटें शामिल हैं। इनमें से पांच सीटें समाजवादी पार्टी, तीन बीजेपी, और एक-एक सीट राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) और निषाद पार्टी के पास थ
यूपी के उपचुनावों को लेकर बीजेपी की तैयारियाँ जोर पकड़ चुकी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सक्रियता और पार्टी की रणनीति यह संकेत देती है कि बीजेपी इस चुनाव को गंभीरता से ले रही है। आगामी उपचुनावों में पार्टी की कोशिश अधिकतम सीटें जीतकर अपनी स्थिति को मजबूत करने की होगी, ताकि यह संदेश जाए कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार मजबूत और स्थिर है।