हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद नई सरकार के गठन की चर्चा तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार, चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने वाले नायब सिंह सैनी 15 अक्टूबर 2024, विजयादशमी के बाद मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। सैनी की छवि एक मजबूत नेता के रूप में उभरकर सामने आई है, जो हरियाणा में बीजेपी की सफलता के पीछे की अहम वजह माने जा रहे हैं।
बीजेपी विधायक दल की बैठक में होगा नए नेता का चुनाव
फिलहाल, नई सरकार के गठन को लेकर बीजेपी में मंथन का दौर जारी है। हरियाणा में चुनाव जीतने वाले बड़े नेता दिल्ली दरबार में अपनी-अपनी रणनीतियां बना रहे हैं। मुख्यमंत्री पद की शपथ से पहले बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें नए नेता का चुनाव किया जाएगा। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि पार्टी हाईकमान पहले ही नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाने पर अपनी सहमति जता चुका है।
चुनावी जीत के बाद हरियाणा बीजेपी का उत्साह चरम पर
हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत के बाद बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। पार्टी का मनोबल चुनावी जीत के बाद ऊंचाइयों पर है। उत्तराखंड की तरह हरियाणा में भी बीजेपी का मुख्यमंत्री बदलने का दांव कारगर साबित हुआ है। विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया था, और सैनी ने इस भूमिका को बखूबी निभाते हुए पार्टी को जीत दिलाई।
लोकसभा चुनाव के खराब प्रदर्शन के बाद सैनी ने संभाली कमान
हरियाणा में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन अपेक्षाकृत खराब रहा था, जहां पार्टी केवल 10 में से 5 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई थी। इस नतीजे के बाद पार्टी नेतृत्व ने हरियाणा में बदलाव का फैसला लिया। इसके बावजूद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन कर एग्जिट पोल को गलत साबित किया, जिसमें कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी की जा रही थी।
सत्ता विरोधी लहर के बावजूद सैनी ने दिलाई जीत
मार्च 2024 में बीजेपी नेतृत्व ने नायब सिंह सैनी को हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष पद से हटाकर मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी थी। उस समय पार्टी सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही थी, क्योंकि मनोहर लाल खट्टर के साढ़े नौ साल के कार्यकाल के बाद जनता में असंतोष बढ़ रहा था। विपक्षी दल बेरोजगारी, अग्निवीर स्कीम, महंगाई और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर बीजेपी पर हमले कर रहे थे। लेकिन नायब सिंह सैनी ने इन चुनौतियों के बावजूद पार्टी को जीत की ओर ले जाने में कामयाबी हासिल की।