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रामनगरी में सुरक्षा चाक-चौबंद, खालिस्तानी आतंकी की धमकी के बाद कड़ी व्यवस्था

रामनगरी में सुरक्षा का सख्त पहरा, वाहन चेकिंग और बम निरोधक दस्ते की तैनाती

खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा राम मंदिर और रामनगरी में हिंसा फैलाने की धमकी के बाद, शनिवार को अयोध्या की रामनगरी में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया। एसपी सुरक्षा बलरामाचारी दुबे ने एटीएस कमांडो, सीआरपीएफ और पीएसी के जवानों के साथ मिलकर रामजन्मभूमि परिसर और राम मंदिर के संपर्क मार्गों की सुरक्षा का जायजा लिया। इसके अलावा, हनुमानगढ़ी, कनक भवन और अन्य प्रमुख मंदिरों में भी सुरक्षा की गहन निगरानी रखी गई।

सुरक्षा बलों ने सभी तैनात जवानों को सतर्क रहने के निर्देश दिए, और रामनगरी में आने-जाने वाले वाहनों की सख्त चेकिंग की गई। पुलिस ने बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वॉड की मदद से भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में चेकिंग की। पन्नू ने हाल ही में एक वीडियो जारी कर 16 नवंबर को राममंदिर और रामनगरी में हिंसा करने की धमकी दी थी। इस धमकी को गंभीरता से लेते हुए सुरक्षा तंत्र ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए कई एहतियाती कदम उठाए हैं।

सुरक्षा व्यवस्था को हाई अलर्ट पर रखा गया

कार्तिक मेला के दौरान मिली इस धमकी के बाद, अयोध्या की सुरक्षा को और भी कड़ा कर दिया गया। पिछले तीन-चार दिनों से रामनगरी में सुरक्षा व्यवस्था को हाई अलर्ट पर रखा गया है। शनिवार को रामनगरी की स्थिति पहले से कहीं अधिक अभेद्य नजर आई। अयोध्या के प्रवेश द्वारों पर सुरक्षा चेकिंग शुरू कर दी गई थी और सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से रामनगरी की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही थी। पुलिस अधिकारियों ने कमांड सेंटर में जाकर इन फुटेज का भी निरीक्षण किया। इसके अलावा, रेलवे स्टेशनों पर भी सुरक्षा एजेंसियां सतर्क रही हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि उच्चाधिकारियों के आदेश तक सुरक्षा का यह कड़ा दौर जारी रहेगा।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ के मौके पर बढ़ी भक्तों की संख्या

इस बीच, रामनगरी में धार्मिक अनुष्ठान और उत्सवों का सिलसिला जारी है। पिछले साल 22 जनवरी को रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए थे, और अब प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ आने में मात्र दो महीने का समय बचा है। इस अवसर पर रामनगरी की रंगत में फिर से बदलाव आ गया है। हालांकि, इस समय होने वाले कार्यक्रमों की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं की गई है, लेकिन जनवरी में होने वाले उत्सवों और अनुष्ठानों का माहौल पहले से ही बन चुका है।

कारसेवकपुरम में विश्व शांति के लिए अनुष्ठान शुरू हो चुका है, जिसका समापन जनवरी में होगा। इसके अलावा, हाल ही में राम मंदिर के ट्रस्टी महंत दिनेंद्रदास के नेतृत्व में रामचरित मानस का सामूहिक पारायण भी हुआ था। कर्नाटक और महाराष्ट्र के भक्तों ने भी राम मंदिर में आकर अनुष्ठान किया और अपनी आस्था व्यक्त की। राजस्थानी भक्तों ने आगामी जनवरी में रामरक्षा स्तोत्र का एक लाख बार पारायण करने का संकल्प लिया है।

भक्तों का उमड़ता जनसैलाब और बढ़ते दर्शन

रामनगरी में भक्तों का आना भी तेजी से बढ़ रहा है। नवंबर के पहले सप्ताह से ही भक्तों का जनसमुद्र उमड़ना शुरू हो गया है। 2 नवंबर से भक्तों का आगमन लगातार जारी है, और अब तक दस लाख से ज्यादा भक्त रामलला के दर्शन कर चुके हैं। 9 से 11 नवंबर के बीच तीन दिनों में एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु हर दिन रामलला का दर्शन करने पहुंचे। दीपोत्सव के दौरान भी भक्तों की संख्या 80 हजार से एक लाख तक रही। औसतन, हर दिन 60 से 70 हजार भक्त राम मंदिर में दर्शन के लिए आ रहे हैं।

मंदिर व्यवस्था के प्रमुख गोपाल राव ने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ पर बड़े उत्सवों का आयोजन होगा, लेकिन इस कार्यक्रम की रूपरेखा सार्वजनिक होने के बाद ही इसकी जानकारी दी जाएगी। ट्रस्टी डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने भी बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद से विभिन्न प्रदेशों और वर्गों के भक्त लगातार रामलला के दर्शन कर रहे हैं और अनुष्ठान कर रहे हैं।

रामनगरी में बढ़ती सुरक्षा और बढ़ते भक्तों के आगमन के बीच, अयोध्या का धार्मिक और सांस्कृतिक माहौल अब उत्सवों से सराबोर होता जा रहा है। सुरक्षा तंत्र द्वारा खालिस्तानी आतंकी की धमकी के मद्देनजर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, और आने वाले समय में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ को लेकर बड़े उत्सवों की योजना भी बनाई जा रही है।

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