महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से जारी सियासी हलचल के बीच गुरुवार (5 दिसंबर) को महायुति गठबंधन ने नई सरकार का गठन किया। इस अवसर पर दक्षिण मुंबई स्थित आजाद मैदान में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। इस सरकार में दो डिप्टी सीएम भी बनाए गए हैं, जिनमें शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे और एनसीपी के अध्यक्ष अजित पवार शामिल हैं।
राज्यपाल ने दिलाई शपथ
महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई केंद्रीय मंत्री, महायुति गठबंधन के वरिष्ठ नेता और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम भी मौजूद थे।
देवेंद्र फडणवीस का तीसरा कार्यकाल
देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी बार कार्यभार संभाला है। इससे पहले राज्य में एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री थे, जबकि देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार डिप्टी सीएम के रूप में कार्यरत थे। अब नई सरकार में नेतृत्व में बदलाव आया है।
शपथ ग्रहण से पहले की राजनीतिक हलचल
महायुति गठबंधन के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण बैठक बुधवार (4 दिसंबर) को हुई, जिसमें देवेंद्र फडणवीस को सर्वसम्मति से बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया। इसके बाद सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की, जिसमें देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार शामिल थे। इस बैठक के बाद गठबंधन का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा गया।
विधानसभा चुनाव परिणाम और गठबंधन की जीत
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हुई थी, और 23 नवंबर को परिणाम घोषित किए गए। महायुति गठबंधन को राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटों पर शानदार जीत मिली। गठबंधन के सहयोगी शिंदे गुट की शिवसेना को 57 सीटों पर विजय मिली, जबकि अजित पवार गुट की एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं, विपक्षी महा विकास आघाड़ी (MVA) को 46 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा।
नई सरकार का गठन और भविष्य की राह
इस नई सरकार के गठन के साथ महाराष्ट्र में एक बार फिर से बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के गठबंधन ने सत्ता संभाली है। हालांकि, सियासी गहमागहमी और नाराजगी की अटकलें बनी रहीं, लेकिन एकनाथ शिंदे ने डिप्टी सीएम के पद को स्वीकार करते हुए शपथ ली। यह नई सरकार राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव की ओर इशारा करती है, और आगामी दिनों में इसके फैसलों और नीतियों पर सबकी नजरें बनी रहेंगी।