You are currently viewing Mamta Kulkarni:क्या ममता कुलकर्णी ने सच में पाया मोक्ष? किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनने की चौंकाने वाली वजह

Mamta Kulkarni:क्या ममता कुलकर्णी ने सच में पाया मोक्ष? किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनने की चौंकाने वाली वजह

Mamta Kulkarni:बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने फिल्मी दुनिया को छोड़कर अध्यात्म की राह अपनाई और महाकुंभ मेला 2019 में किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर की पदवी प्राप्त की। उनका यह कदम न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन में एक बड़ा बदलाव था, बल्कि महाकुंभ मेला के इतिहास में भी यह एक अनूठी घटना बन गई। ममता का किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनने की प्रक्रिया और उनका यह बदलाव देशभर में चर्चा का विषय बन गया है।

किन्नर अखाड़ा: एक अनोखा दृष्टिकोण

किन्नर अखाड़ा, जिसे 2015 में स्थापित किया गया, मुख्यधारा के अन्य अखाड़ों से पूरी तरह अलग है। यह अखाड़ा उन लोगों को स्वीकार करता है जो भौतिक और आध्यात्मिक जीवन को संतुलित रूप से जीने की इच्छा रखते हैं। यहां पर व्यक्ति को कठोर तपस्या या पूर्ण वैराग्य अपनाने की जरूरत नहीं होती, जो कि अधिकांश अखाड़ों में आवश्यक माना जाता है। किन्नर अखाड़ा अपने लचीले दृष्टिकोण और समावेशी नीति के कारण समाज के विभिन्न वर्गों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुका है।यह अखाड़ा उज्जैन में स्थित है और इसके उद्देश्य में पर्यावरण संरक्षण, गोरक्षा, कन्या भ्रूण हत्या का विरोध और बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों का उन्मूलन शामिल हैं। किन्नर अखाड़ा केवल आध्यात्मिक गतिविधियों में ही नहीं, बल्कि समाजिक कार्यों में भी सक्रिय रूप से भाग लेता है।

ममता कुलकर्णी का जीवन में परिवर्तन

ममता कुलकर्णी का जीवन हमेशा विवादों से भरा रहा है। फिल्म इंडस्ट्री में अपनी सफलता हासिल करने के बाद, उनका नाम ड्रग तस्करी और अन्य कानूनी विवादों में भी आया। 2016 में उनके खिलाफ ड्रग तस्करी के मामले में अरेस्ट वॉरंट भी जारी हुआ था। इसके अलावा, 1993 में उनका टॉपलेस फोटोशूट भी देश में एक बड़े विवाद का कारण बना था।इन सभी विवादों के बावजूद, ममता ने अचानक अध्यात्म की दिशा में कदम रखा और किन्नर अखाड़े में संन्यास लिया। महाकुंभ मेला में किन्नर अखाड़े ने उन्हें महामंडलेश्वर की पदवी दी। इस प्रक्रिया के बाद, ममता ने गंगा-यमुना संगम में स्नान किया, भगवा वस्त्र पहने और वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच दूध से स्नान कर अपना पुराना जीवन छोड़ दिया। इसके बाद उनका नया नाम ‘श्री यमाई ममतानंद गिरि’ रखा गया।

महामंडलेश्वर बनने की प्रक्रिया

महामंडलेश्वर बनने की प्रक्रिया सामान्यत: बहुत कठिन मानी जाती है, क्योंकि इसके लिए व्यक्ति को पहले दीक्षा लेनी होती है और फिर कठोर तपस्या करनी होती है। हालांकि, किन्नर अखाड़े में यह प्रक्रिया थोड़ी सरल है, क्योंकि यहां व्यक्ति को पूर्ण वैराग्य का जीवन अपनाने की आवश्यकता नहीं होती। ममता कुलकर्णी ने किन्नर अखाड़े को इसलिए चुना क्योंकि यहां भौतिक और आध्यात्मिक जीवन के बीच संतुलन बनाए रखा जा सकता था।

Spread the love

Leave a Reply