Himachal Budget 2025:हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में विधानसभा में पेश किए गए बजट में प्रदेश के दूध उत्पादक किसानों के लिए राहत की घोषणा की। इस बजट में खासतौर पर किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य में दूध का न्यूनतम खरीद मूल्य 6 रुपये प्रति लीटर बढ़ाया जाएगा। इससे प्रदेश के दूध उत्पादक किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
दूध के दाम में 6 रुपये की वृद्धि से किसानों की आय में सुधार
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य में अब गाय के दूध पर 51 रुपये प्रति किलो और भैंस के दूध पर 61 रुपये प्रति किलो के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। पहले गाय के दूध का न्यूनतम खरीद मूल्य 45 रुपये प्रति किलो था, जबकि भैंस के दूध का 55 रुपये प्रति किलो था। अब इस वृद्धि से किसानों को अधिक वित्तीय लाभ मिलेगा, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होने की संभावना है। यह निर्णय खासतौर पर उन किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा जो दूध उत्पादन से जुड़ी वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे।
दुग्ध सहकारी सभाओं को 3 प्रतिशत अनुदान
सुक्खू सरकार ने दुग्ध सहकारी सभाओं के लिए भी राहत की घोषणा की है। सरकार ने एलान किया है कि अब दुग्ध सहकारी सभाओं को 3 प्रतिशत का अनुदान मिलेगा, जो पहले 1.5 प्रतिशत था। इससे सहकारी सभाओं को अपनी गतिविधियों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी और किसानों को बेहतर समर्थन मिलेगा। यह कदम राज्य में दूध उत्पादन और वितरण को अधिक सुगम बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
10.73 करोड़ रुपये का बजट प्रविधान
दूध उत्पादन और वितरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 10.73 करोड़ रुपये का बजट प्रविधान किया है। इस राशि का उपयोग दूध उत्पादन और परिवहन में अनुदान देने, नई योजनाओं के निर्माण, और किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए किया जाएगा। इस बजट के माध्यम से सरकार का उद्देश्य दूध उत्पादन को अधिक प्रतिस्पर्धी और लाभकारी बनाना है।
दूध परिवहन के लिए 2 रुपये प्रति किलो अनुदान
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि दूध के परिवहन को आसान और सस्ता बनाने के लिए सरकार ने प्रति किलोमीटर 2 रुपये का अनुदान देने का एलान किया है। इससे दूध के परिवहन की लागत घटेगी और दूध उत्पादकों को अपनी उत्पादों को बेहतर तरीके से बाजार में पहुंचाने में मदद मिलेगी। इससे राज्य भर में दूध की आपूर्ति की स्थिति में सुधार होगा और किसानों को आर्थिक रूप से लाभ होगा।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख नए किसान जुड़ेंगे
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक और बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि अगले एक साल में 1 लाख नए किसान प्राकृतिक खेती की योजना से जुड़ेंगे। यह पहल राज्य के कृषि क्षेत्र को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से की जा रही है, जिससे पर्यावरण को भी लाभ होगा और किसानों को टिकाऊ खेती करने में मदद मिलेगी।
किसानों के लिए उम्मीद की नई किरण
इस बजट के माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश के किसानों के लिए एक सकारात्मक दिशा में कदम बढ़ाया है। यह निर्णय राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा और किसानों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में सहायक साबित होगा। आने वाले समय में यह बदलाव राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।