International Yoga Day 2025: 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जब नई सरकार बनी, तब उन्होंने योग को न केवल भारत की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर के रूप में पहचाना, बल्कि उसे विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित करने की दिशा में एक बड़ा कदम भी उठाया। पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव रखा कि 21 जून को “अंतरराष्ट्रीय योग दिवस” घोषित किया जाए। केवल कुछ ही महीनों में, संयुक्त राष्ट्र ने इसे पारित कर दिया और 2015 से हर साल इस दिन को विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
कर्तव्य पथ से न्यूयॉर्क तक योग का संदेश
21 जून 2015 को पहली बार कर्तव्य पथ (राजपथ), नई दिल्ली पर हजारों लोगों की उपस्थिति में योग दिवस मनाया गया। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग करते हुए देशवासियों और दुनिया को यह संदेश दिया कि योग शरीर और मन को संतुलित करने का एक वैज्ञानिक तरीका है। इसके बाद हर साल पीएम मोदी ने किसी न किसी ऐतिहासिक या सांस्कृतिक स्थल से योग कर पूरी दुनिया को इससे जुड़ने का आह्वान किया।
भारत की नर्म शक्ति का प्रदर्शन
2023 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पीएम मोदी ने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 135 देशों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर योग किया। यह भारत की ‘सॉफ्ट पावर’ डिप्लोमेसी का एक ऐतिहासिक क्षण था, जिसने दिखाया कि भारत योग के माध्यम से विश्व को शांति, स्वास्थ्य और समरसता का मार्ग दिखा सकता है।
योग को जन-जन तक पहुंचाने की रणनीति
पीएम मोदी ने योग को केवल एक शारीरिक व्यायाम नहीं बल्कि जीवन जीने की कला के रूप में प्रस्तुत किया। भारत सरकार ने इसके लिए मंत्रालय स्तर पर योजनाएं, स्कूलों में कार्यक्रम, डिजिटल मीडिया पर जागरूकता अभियान, और आयुष मंत्रालय के सहयोग से वैश्विक स्तर पर सेमिनार और आयोजन शुरू किए। इसने न केवल भारत में बल्कि अमेरिका, जापान, यूके, रूस, अफ्रीकी देशों और खाड़ी देशों तक योग को पहुंचाया।
11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस और मोदी का संदेश
21 जून 2025, योग दिवस का 11वां वर्ष है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम के रामकृष्ण बीच से लोगों को संबोधित किया। उन्होंने योग को “आत्मा और परमात्मा को जोड़ने वाला माध्यम” बताते हुए इसे मानवता के लिए एक वरदान कहा।
योग – भारत से विश्व तक एक यात्रा
पिछले 11 वर्षों में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस एक राष्ट्रीय पहल से अंतरराष्ट्रीय आंदोलन बन गया है। पीएम मोदी की दूरदृष्टि, निरंतर प्रयास और योग के प्रति समर्पण ने न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत को पुनः स्थापित किया, बल्कि इसे दुनिया भर में स्वास्थ्य, शांति और सौहार्द का प्रतीक भी बना दिया है।