Lifestyle News: उत्तर प्रदेश में मानसून ने दस्तक दे दी है। जहां एक ओर यह मौसम ठंडक और राहत लेकर आता है, वहीं दूसरी ओर इससे पेट से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। बढ़ती नमी और गंदगी के कारण इस मौसम में बैक्टीरिया, वायरस और फंगल इन्फेक्शन तेजी से फैलते हैं। अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, कानपुर के सीनियर गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. साद अनवर के अनुसार, मानसून के दौरान गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण जैसे उल्टी, दस्त, पेट दर्द, टाइफाइड, हेपेटाइटिस-ए और फूड पॉइजनिंग अधिक देखने को मिलते हैं।
साफ पानी और स्वच्छ भोजन की अहमियत

डॉ. अनवर का कहना है कि इस मौसम में केवल उबला या फिल्टर किया हुआ पानी ही पीना चाहिए। सड़क किनारे या खुले में बिकने वाले फल, सलाद और अन्य खाद्य पदार्थों से परहेज करें। फल और सब्जियों को अच्छे से धोकर ही सेवन करें, और हरी पत्तेदार सब्जियों के उपयोग से बचें, क्योंकि उनमें संक्रमण का खतरा अधिक होता है। दूध और उससे बने उत्पादों को अच्छी तरह उबालकर और सही ढंग से स्टोर करना भी जरूरी है।
खानपान और स्वच्छता का रखें विशेष ध्यान
खाने को हमेशा ढक कर रखें और बचा हुआ खाना फ्रिज में सुरक्षित रखें। बाहर और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर खाने से बचें। हाथों की स्वच्छता बनाए रखना अत्यंत जरूरी है—खाने से पहले और शौच के बाद हाथ जरूर धोएं। बच्चों और बुजुर्गों को हल्का, पौष्टिक और घर का बना खाना ही दें, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।
सावधानी ही बचाव का उपाय

अगर किसी को इस मौसम में पेट दर्द, उल्टी-दस्त, बुखार या कमजोरी की शिकायत हो, तो बिना डॉक्टर की सलाह के दवा न लें। ऐसे समय में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। शरीर में पानी और मिनरल्स की कमी को दूर करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी, ओआरएस, नारियल पानी या नींबू पानी का सेवन करें। साथ ही तला-भुना, मसालेदार और जंक फूड से दूर रहें।
मानसून में सतर्क रहना जरूरी
मानसून के दौरान पेट से जुड़ी बीमारियों से बचने के लिए साफ-सफाई और सही खानपान बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों की सलाह मानकर और थोड़ी सी सतर्कता बरत कर हम इस मौसम को भी सुरक्षित और स्वस्थ तरीके से जी सकते हैं। जागरूकता ही इस मौसम में बीमारियों से सबसे बड़ा बचाव है।