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जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा 2025.. 10 लाख श्रद्धालुओं की भारी भीड़, गर्मी में कई श्रद्धालु बेहोश

Jagannath Puri Rath Yatra 2025 :पुरी, ओडिशा में विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा का शुभारंभ पूरे श्रद्धा और उल्लास के साथ हुआ। हर साल की तरह इस बार भी भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा सजे हुए तीन विशाल रथों में विराजमान होकर मंदिर से निकलें और उन्हें ग्रैंड रोड के रास्ते गुंडिचा मंदिर ले जाया गया। वहां ये तीनों देवता नौ दिन तक प्रवास करेंगे। इस पावन अवसर पर लगभग 10 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए एकत्र हुए।

भारी भीड़ और उमस भरी गर्मी से बिगड़ा स्वास्थ्य

जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भीषण गर्मी और उमस के कारण 8 से 10 श्रद्धालु बेहोश हो गए। हालांकि राहत की बात यह रही कि भीड़ बहुत अधिक होने के बावजूद कहीं कोई भगदड़ की स्थिति नहीं बनी। सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही और प्रशासन ने पानी व प्राथमिक चिकित्सा की सुविधाएं मुहैया कराईं। देशभर से आए श्रद्धालुओं ने “जय जगन्नाथ” के उद्घोष के साथ रथ को खींचने में भाग लिया।

इंदौर में निकली देश की तीसरी सबसे बड़ी रथ यात्रा

ओडिशा के अलावा मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में भी भव्य रथ यात्रा का आयोजन किया गया, जो देश की तीसरी सबसे बड़ी रथ यात्रा मानी जाती है। श्रीलक्ष्मी-वेंकटेश देवस्थान से निकली इस यात्रा में हजारों श्रद्धालु “गोविंदा गोविंदा” के जयकारों के बीच शामिल हुए। छत्रीबाग मंदिर से प्रारंभ होकर यह यात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई मंदिर परिसर में सम्पन्न हुई। 300 से अधिक मंचों से पुष्पवर्षा और प्रसाद वितरण कर श्रद्धालुओं का स्वागत किया गया।

रथयात्रा में विशेष झांकियां

इस रथ यात्रा में 250 से अधिक स्वयंसेवकों ने एक जैसे वस्त्र पहनकर व्यवस्था को संभाला। युवाओं ने 21 घोड़ों पर सवार होकर भगवा ध्वज लहराए। यात्रा में धार्मिक झांकियों के माध्यम से केवट चरित्र, रामानुजाचार्य, अयोध्या श्रीराम, गोमाता और अहिल्याबाई की 300वीं जयंती को दर्शाया गया। महिला श्रद्धालु रथ के आगे झाड़ू लगाकर मार्ग शुद्ध करती नजर आईं। यात्रा में भजन गायक हरिकिशन साबू और महिला मंडल की सहभागिता से वातावरण भक्तिमय हो गया।

श्रद्धालुओं ने हाथों से खींचा दिव्य चांदी का रथ

इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने दिव्य चांदी के रथ में विराजित ठाकुरजी के दर्शन किए और श्रद्धा के साथ अपने हाथों से रथ खींचा। हर साल की तरह इस बार भी रथ यात्रा ने आध्यात्मिकता, एकता और सांस्कृतिक गौरव को प्रदर्शित किया।

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