Sawan 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन वर्ष का पांचवां महीना होता है, जो पूरी तरह भगवान शिव को समर्पित होता है। यह महीना आध्यात्मिक साधना, व्रत, और भगवान शिव की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस महीने में शिव भक्त पूरे श्रद्धा और भक्ति भाव से उपवास रखते हैं और विशेष पूजन-अर्चन करते हैं।
सावन सोमवार का विशेष महत्व
सावन के प्रत्येक सोमवार का खास महत्व होता है। विशेषकर स्त्रियां और पुरुष व्रत रखकर भगवान शिव की आराधना करते हैं। मान्यता है कि जो भी श्रद्धा और विश्वास के साथ सावन सोमवार का व्रत करता है, उसे शिव जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इससे जीवन के सभी संकट समाप्त होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
आज है पहला सावन सोमवार – ऐसे करें पूजन
सावन का पहला सोमवार 2025 में अत्यंत शुभ योग में पड़ा है। इस दिन शिवलिंग का विधिवत पूजन करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। दिन की शुरुआत गंगाजल मिले जल से स्नान करके करें। इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर भगवान शिव का ध्यान करें। शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, शहद, दही और शुद्ध जल से अभिषेक करें। इसके साथ ही बिल्व पत्र, शमी पत्र, धतूरा और भस्म अर्पित करें।
शिव मंत्र जाप और आरती का महत्व
पूजन के बाद शिव मंत्रों का जाप करें – “ॐ नमः शिवाय” का कम से कम 108 बार जाप अवश्य करें। इसके बाद भगवान शिव को सफेद रंग की मिठाई जैसे मावे की बर्फी या रसगुल्ले का भोग लगाएं। अंत में भावपूर्वक आरती करें।
शिव आरती: भोलेनाथ को प्रसन्न करने का सर्वोत्तम उपाय
आरती भगवान शिव की पूजा का सबसे प्रमुख हिस्सा होती है। ‘ॐ जय शिव ओंकारा’, ‘शिव तांडव स्तोत्र’, या ‘जय शिव शंकर’ जैसी आरतियां श्रद्धा से गाई जाएं तो भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं। आरती के समय दीपक, अगरबत्ती और घंटी का उपयोग करें, ताकि वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हो।
शिव कृपा से होगा कष्टों का अंत
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन के सोमवार को विधिपूर्वक व्रत और पूजन करने से व्यक्ति के जीवन में चल रहे सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं। साथ ही विवाह, संतान, धन और नौकरी से जुड़ी सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं। शिवजी को “भोलानाथ” कहा जाता है क्योंकि वे अपने भक्तों पर तुरंत प्रसन्न होकर कृपा करते हैं।