Varanasi flood :वाराणसी में बाढ़ की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। गंगा और वरुणा नदियों के उफान पर आने के कारण जिले के कई ग्रामीण और शहरी क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इससे न केवल तटीय इलाके बल्कि कई रिहायशी इलाके भी प्रभावित हुए हैं। जलस्तर में हो रही लगातार बढ़ोतरी के कारण लगभग 6,500 से अधिक लोग विस्थापित होकर सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो चुके हैं।
गंगा-वरुणा के जलस्तर में वृद्धि से बाढ़ की स्थिति गंभीर
वाराणसी जिला प्रशासन के अनुसार गंगा और वरुणा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर पहुंच चुका है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, गंगा नदी का जलस्तर 72.06 मीटर पर पहुंच गया है जो खतरे के स्तर से लगभग 80 सेंटीमीटर अधिक है। वरुणा नदी में भी पानी की मात्रा बढ़ने से जनपद के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं।
46 बाढ़ राहत शिविर सक्रिय, प्रशासन सतर्क
वाराणसी प्रशासन ने कुल 46 बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए हैं जहाँ विस्थापित लोगों को शरण दी जा रही है। अब तक 1,443 परिवारों के कुल 6,631 लोग इन शिविरों और अन्य सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाए गए हैं। एनडीआरएफ और जल पुलिस की टीमें 24 घंटे राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई हैं। साथ ही प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में फसल और संपत्ति के नुकसान का आकलन भी शुरू कर दिया है।
किसानों की फसलें भी बाढ़ से बर्बाद
जलस्तर के बढ़ने के कारण लगभग 7,037 किसान प्रभावित हुए हैं और 1,898 हेक्टेयर क्षेत्र में उनकी फसलें बाढ़ में डूब गई हैं। इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। प्रशासन द्वारा नुकसान का आंकलन कर उचित मुआवजे की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
सबसे ज्यादा प्रभावित तटवर्ती इलाके
गंगा के बढ़ते जलस्तर की वजह से वाराणसी के सामनेघाट, अस्सी, नगवा और गंगोत्री विहार जैसे तटीय इलाकों में पानी भर गया है। वहीं वरुणा नदी के नक्की घाट, सलारपुर, कोनिया और हुकूलगंज इलाकों में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
प्रशासन की राहत कार्यों में पूरी तैयारी
वाराणसी प्रशासन लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्यों को तेज कर रहा है। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के साथ-साथ उन्हें भोजन और चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रशासन ने जनता से सावधानी बरतने और अधिकारीयों के निर्देशों का पालन करने की अपील की है।