Yamuna Flood News: राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर शुक्रवार, 5 सितंबर को कुछ कम हुआ, लेकिन अब भी खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है। केंद्रीय जल आयोग (CWC) के अनुसार, रात 8 बजे पुराने लोहे के पुल पर जलस्तर 207.05 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी स्तर से ऊपर है। अनुमान है कि शनिवार सुबह तक यह घटकर 206.4 मीटर तक आ सकता है।हालांकि जलस्तर में गिरावट राहत भरा संकेत है, लेकिन बाढ़ग्रस्त इलाकों में जलजमाव, हजारों लोगों का विस्थापन और तेजी से फैलती बीमारियां अब भी चुनौती बनी हुई हैं।
राजधानी के कई इलाके जलमग्न
पूर्वी, उत्तर-पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी दिल्ली जैसे इलाकों से हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में राहत शिविर बनाए हैं:
पूर्वी दिल्ली: 7,200 प्रभावित, 7 शिविर
उत्तर-पूर्वी दिल्ली: 5,200 प्रभावित, 13 शिविर
दक्षिण-पूर्वी दिल्ली: 4,200 प्रभावित, 8 शिविर
हालांकि, शिविरों में रह रहे लोगों ने भोजन, साफ पानी, शौचालय और छत की व्यवस्था को लेकर नाराजगी जताई है। कई लोगों को खुले आसमान के नीचे सोना पड़ रहा है, जिससे उनकी परेशानियां और बढ़ गई हैं।
बढ़ता बीमारियों का खतरा, मेडिकल इमरजेंसी जैसी स्थिति
गंदा पानी, नमी और गंदगी के कारण राहत शिविरों में त्वचा रोग, बुखार, फंगल इंफेक्शन और अन्य संक्रमण तेजी से फैल रहे हैं। बच्चों और बुजुर्गों पर खासा असर देखा जा रहा है।
डॉक्टरों के पास बढ़ रही मरीजों की संख्या
सरकारी अस्पताल अलर्ट पर
मेडिकल टीमें शिविरों में तैनात
एक महिला ने बताया कि उसका पोता दो दिन से बुखार से पीड़ित है और अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
जल संकट गहराया, वजीराबाद जल संयंत्र की क्षमता घटी
यमुना में गाद और गंदगी बढ़ने से वजीराबाद जल शोधन संयंत्र की क्षमता 20% तक कम हो गई है। सामान्यतः 138 MGD पानी शुद्ध करने वाला संयंत्र अब केवल 110 MGD तक काम कर रहा है।इससे उत्तर और मध्य दिल्ली के कई इलाकों में पानी की आपूर्ति बाधित हुई है।
ट्रैफिक प्रभावित, सड़कों पर जलभराव
निगम बोध घाट, आउटर रिंग रोड और चांदगी राम अखाड़ा क्षेत्र में भारी जलभराव के कारण ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही। पुलिस ने कई जगह डायवर्जन लागू किए हैं।प्रशासन ने यमुना किनारे तैराकी, नाव चलाने और घूमने पर सख्त प्रतिबंध लगाया है।
सरकार की समीक्षा और राहत प्रयास
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सभी 11 जिलों के डीएम और अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा की। लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्पष्ट किया कि कुछ जलभराव बाढ़ नहीं, बल्कि भारी बारिश के कारण हुआ है।
सरकार के अनुसार, राहत शिविरों में:
दिन में 3-4 बार भोजन
साफ पेयजल और शौचालय
मेडिकल सहायता की व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है।