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बिहार में पहली बार कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक: ‘वोट चोरी’ बनेगा बड़ा चुनावी मुद्दा

Congress Meeting:कांग्रेस पार्टी की सबसे ताकतवर संस्था, कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक पहली बार बिहार की राजधानी पटना में आयोजित की जा रही है। यह बैठक न केवल संगठनात्मक दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र कांग्रेस के चुनावी अभियान की भी औपचारिक शुरुआत मानी जा रही है।इस बैठक में ‘वोट चोरी’ को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया जाएगा। पार्टी की ओर से नारा भी तय कर दिया गया है:
तब लड़े थे गोरों से, अब लड़ेंगे चोरों से” इस नारे के माध्यम से कांग्रेस राहुल गांधी को जननायक के रूप में प्रोजेक्ट करने की रणनीति पर काम कर रही है।

कांग्रेस कार्यसमिति: निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था

कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) पार्टी का वह मंच है जहाँ से नीतिगत निर्णय लिए जाते हैं। 2004 में सत्ता में आने के बाद से अधिकतर CWC बैठकों का आयोजन दिल्ली में ही होता रहा है। हालांकि, कुछ विशेष आयोजनों के समय CWC की बैठकें दिल्ली के बाहर भी हुईं, जैसे:
2006, हैदराबाद: अधिवेशन के दौरान
2013, जयपुर: राहुल गांधी बने उपाध्यक्ष
2019, अहमदाबाद: ‘न्याय योजना’ का निर्णय
वर्धा, महाराष्ट्र: गांधी जी की स्मृति में
चंडीगढ़ व नैनीताल: मुख्यमंत्री सम्मेलन के समय
इन बैठकों के माध्यम से कांग्रेस ने विभिन्न समयों पर राजनीतिक संदेश देने और संगठन को सक्रिय करने का प्रयास किया है।

CWC की बैठकें दिल्ली से बाहर क्यों लाई गईं?

2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में हार के बाद पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने सुझाव दिया कि CWC की बैठकें केवल दिल्ली में सीमित न रहें, बल्कि विभिन्न राज्यों में आयोजित की जाएं। इससे न केवल स्थानीय कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार होता है, बल्कि पार्टी का सीधा जनसंपर्क भी मजबूत होता है।

इसी नीति के तहत हाल के वर्षों में CWC की बैठकें इन स्थानों पर हुईं

राजस्थान, उदयपुर (चिंतन शिविर)
छत्तीसगढ़, रायपुर (अधिवेशन)
तेलंगाना, हैदराबाद
कर्नाटक, बेलगावी
गुजरात, अहमदाबाद (संगठन सृजन कार्यक्रम)

बिहार की बैठक: ‘वोट चोरी’ बनाम लोकतंत्र

अब इस फेहरिस्त में बिहार को भी शामिल किया गया है। कांग्रेस के अनुसार, यह केवल एक बैठक नहीं, बल्कि “दूसरी आज़ादी की लड़ाई” की शुरुआत है।
पार्टी का आरोप है कि बीजेपी लोकतंत्र और संविधान को ‘वोट चोरी’ के जरिए छीनना चाहती है। इसी को आधार बनाकर कांग्रेस बिहार से लेकर देशभर में राजनीतिक माहौल बनाने की कोशिश करेगी।

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