Bihar Election Result 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के एग्जिट पोल्स की घोषणा के बाद राज्य की सियासत में नई हलचल मच गई है। अधिकांश सर्वे एजेंसियों ने इस बार भी एनडीए सरकार की वापसी का अनुमान जताया है। लेकिन इसी बीच एक एग्जिट पोल ऐसा भी सामने आया है जिसने महागठबंधन के खेमे में नई ऊर्जा और उम्मीदें जगा दी हैं।
Journo Mirror Exit Poll 2025 के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, महागठबंधन को बिहार में स्पष्ट बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है। जबकि अन्य सभी प्रमुख सर्वेक्षणों में एनडीए को आगे बताया जा रहा था, यह एग्जिट पोल कहानी को पूरी तरह बदल देता है।
Journo Mirror के सर्वे में महागठबंधन को बढ़त
इस सर्वे के मुताबिक, महागठबंधन को 130 से 140 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। यह आंकड़ा बहुमत के लिए आवश्यक 122 सीटों के जादुई आंकड़े से काफी ऊपर है।
दूसरी ओर, सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन को 100 से 110 सीटों के बीच सीमित बताया गया है, जो उसके लिए निश्चित रूप से एक चेतावनी भरा संकेत है।
अगर यह अनुमान सही साबित होता है, तो बिहार की सत्ता में बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है — यानी कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार सत्ता से बाहर और तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाला महागठबंधन सत्ता में वापसी कर सकता है।
क्यों है यह एग्जिट पोल बाकी सर्वेक्षणों से अलग?
अब तक जारी Matrize-IANS, JVC, Polstrat और People’s Insight जैसे सर्वेक्षणों में एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिलता दिखाया गया था।
लेकिन Journo Mirror का सर्वे इस धारणा को पलटता है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह अंतर क्षेत्रीय रुझानों और ग्रामीण इलाकों में वोटिंग पैटर्न के कारण हो सकता है।
एग्जिट पोल के अनुसार, सीमांचल, मगध और तिरहुत जैसे इलाकों में महागठबंधन को अप्रत्याशित समर्थन मिला है। वहीं, शहरी सीटों और उत्तर बिहार के कुछ हिस्सों में एनडीए ने बेहतर प्रदर्शन किया है।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि यह नतीजा अंतिम नहीं है, लेकिन इससे यह साफ है कि महागठबंधन ने चुनाव के आखिरी दौर में अपनी पकड़ मजबूत की है।
कुछ विश्लेषक यह भी मानते हैं कि तेजस्वी यादव की युवाओं और बेरोजगारी पर केंद्रित रैलियों ने असर दिखाया है। वहीं, महंगाई और कृषि से जुड़ी नाराज़गी ने ग्रामीण मतदाताओं को विपक्ष की ओर झुकाया है।
NDA खेमे में चिंता, विपक्ष में जोश
Journo Mirror के इस सर्वे ने जहां महागठबंधन में उत्साह और उम्मीद जगा दी है, वहीं एनडीए में चिंता और सियासी गणना शुरू हो गई है।
अगर एग्जिट पोल का यह अनुमान वास्तविक नतीजों में बदलता है, तो यह बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव साबित होगा — खासकर इसलिए क्योंकि पिछले कुछ वर्षों से एनडीए की पकड़ राज्य में मजबूत मानी जाती रही है।

