Delhi Building Collapse:दिल्ली के सीलमपुर इलाके में आज सुबह एक बड़ी दुर्घटना हुई जब एक ग्राउंड प्लस तीन मंजिला इमारत अचानक ध्वस्त हो गई। इस हादसे से आसपास के इलाके में अफरातफरी मच गई। स्थानीय प्रशासन और दमकल विभाग ने तुरंत राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया है। इस घटना में अब तक तीन से चार लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया है, जबकि कुछ लोगों के अभी भी मलबे में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है।
दमकल की 7 गाड़ियां और बचाव दल मौके पर सक्रिय
हादसे की सूचना मिलने के बाद दमकल विभाग ने तत्परता दिखाते हुए 7 दमकल गाड़ियां तत्काल मौके पर भेजीं। साथ ही राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और स्थानीय पुलिस की टीमें भी राहत कार्यों में जुट गई हैं। मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए खासी मशक्कत जारी है। मशीनों के साथ-साथ मैन्युअल तौर पर भी राहतकर्मियों द्वारा राहत एवं बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
घायल लोगों का अस्पताल में उपचार, परिवार में चिंता का माहौल
घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया है, जहाँ उनका इलाज चल रहा है। घायलों की हालत फिलहाल गंभीर बताई जा रही है। मृतकों या अन्य फंसे लोगों की संख्या के बारे में अभी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई है, लेकिन स्थानीय प्रशासन इस घटना को लेकर सतर्क है। परिवार के लोग और आसपास के निवासी इस हादसे से दहशत में हैं और मदद के लिए आगे आ रहे हैं।
इलाके में अफरातफरी, सुरक्षा के मद्देनजर निकाले गए लोग
इमारत गिरने के बाद आसपास के इलाके में डर और हड़कंप का माहौल है। प्रशासन ने हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है। वहीं, सुरक्षा कारणों से आसपास के कुछ घरों और दुकानों को खाली करवा दिया गया है ताकि कोई और हादसा न हो। अधिकारियों का कहना है कि अब प्राथमिकता फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने की है।
हादसे के संभावित कारणों पर चल रही जांच
अब तक के प्रारंभिक रुख के अनुसार, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इमारत के गिरने के पीछे निर्माण की गुणवत्ता में कमी या इमारत की पुरानी व जर्जर हालत हो सकती है। दिल्ली में अक्सर इस तरह के हादसे होती रही हैं, जिनका मुख्य कारण अवैध निर्माण और कमजोर संरचनाएं होती हैं। प्रशासन इस घटना की पूरी जांच करेगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा।
दिल्ली में सुरक्षित रहने की चुनौती
दिल्ली जैसे बड़े शहर में तेजी से बढ़ते निर्माण कार्यों के बीच सुरक्षा मानकों का पालन करना आवश्यक है। सीलमपुर की इस घटना ने एक बार फिर यह मुद्दा उजागर किया है कि पुराने और कमजोर इमारतों की समय-समय पर जांच और मरम्मत जरूरी है। प्रशासन को चाहिए कि वह ऐसे इलाकों में विशेष निगरानी रखे ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सके।