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गंगा स्नान के बाद, विदेशी श्रद्धालुओं ने महसूस किया मन की शांति और शुद्धि

Maha Kumbh 2025 : महाकुंभ 2025 के अवसर पर संगम नगरी में शनिवार को आठ देशों से आए 70 विदेशी श्रद्धालुओं ने गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई। इस दौरान, संगम तट पर ‘हर-हर गंगे’ के उद्घोष से वातावरण गूंज उठा, जो भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक था। स्नान के बाद, इन श्रद्धालुओं ने रेत पर साधना की और भारतीय संस्कृति की गहराई को महसूस किया। इनमें से कई श्रद्धालुओं ने पहले ही सनातन धर्म की दीक्षा ग्रहण कर ली थी, जबकि कई अन्य ने अमृत स्नान के बाद दीक्षा लेने का निर्णय लिया।

महाकुंभ का आध्यात्मिक आकर्षण विदेशी श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींच रहा है

महाकुंभ की दिव्यता और आध्यात्मिकता ने न केवल भारतीयों बल्कि विदेशी श्रद्धालुओं को भी आकर्षित किया। जापान, दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रिया, कनाडा, बेल्जियम, बरमूडा, आयरलैंड और अमेरिका जैसे देशों से आए श्रद्धालुओं ने संगम तट पर गंगा स्नान किया और भारतीय संस्कृति का अनुभव लिया। इन श्रद्धालुओं में सबसे अधिक 25 नागरिक जापान से थे, जबकि 13 श्रद्धालु दक्षिण अमेरिका से, और अन्य देशों से भी बड़ी संख्या में लोग आए थे। इन सभी श्रद्धालुओं का स्वागत निर्मोही अनी अखाड़ा से जुड़े शक्तिधाम शिविर में किया गया।

गंगा नदी के आध्यात्मिक महत्व पर विदेशी श्रद्धालुओं के विचार

अमेरिका के एरिक ब्लैक ने गंगा स्नान के अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, “गंगा केवल एक नदी नहीं है, यह एक ऊर्जा का स्रोत है, जो मन को शांति और शक्ति प्रदान करती है।” उन्होंने गंगा के जल में स्नान करने को एक दिव्य अनुभव बताया, जो न केवल शरीर की शुद्धि करता है, बल्कि आत्मा को भी ताजगी और शांति का अहसास कराता है। एरिक का यह अनुभव गंगा नदी के समृद्ध आध्यात्मिक महत्व को उजागर करता है, जो भारतीयों के साथ-साथ विदेशों से आए श्रद्धालुओं को भी आकर्षित करता है।

साधना और दीक्षा के अनुभव से भारतीय संस्कृति में समाहित होना

गंगा स्नान के बाद, विदेशी श्रद्धालुओं ने रेत पर बैठकर साधना की और भारतीय संस्कृति की गहराई में समाहित होने का प्रयास किया। कई श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद सनातन धर्म की दीक्षा ग्रहण की, ताकि वे भारतीय आध्यात्मिकता से पूरी तरह जुड़ सकें। उनका कहना था कि गंगा के पवित्र जल में स्नान करने से न केवल शरीर की शुद्धि होती है, बल्कि मन और आत्मा की भी गहरी शांति मिलती है।

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