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उपराष्ट्रपति पद से धनखड़ के इस्तीफे के बाद सचिवालय में हलचल, अधिकारी लौटे मूल कैडर

Jagdeep Dhankhar: देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के तीन दिन बाद उनके अधीन काम करने वाला उपराष्ट्रपति सचिवालय बंद कर दिया गया है। उनके साथ काम कर रहे अधिकांश अधिकारियों को उनके मूल कैडर में वापस भेजा जा रहा है। इस घटनाक्रम के बाद सचिवालय में खामोशी छा गई है और एक-एक करके कमरे खाली होते चले गए।हालांकि अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि उपराष्ट्रपति भवन के किसी कमरे को सील नहीं किया गया है, बल्कि यह एक सामान्य प्रक्रिया के तहत किया गया बंद है। सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती उपराष्ट्रपति के कार्यकाल से जुड़ी होती है, और पद छोड़ने के बाद 15 दिनों के भीतर उन्हें अपने मूल विभाग में लौटना होता है।

सचिवालय विंग हुआ बंद, अधिकारी लौटे वापस

एक की एक रिपोर्ट के अनुसार, नव-निर्मित उपराष्ट्रपति भवन में सचिवालय के लिए एक अलग विंग बनाया गया था। जैसे ही धनखड़ ने इस्तीफा दिया, एक-एक कर वहां तैनात अधिकारी वापस लौटने लगे। अब यह विंग पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।हालांकि, उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में कुछ अधिकारी अभी भी मौजूद हैं जो कैडर में वापसी के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। यह स्पष्ट किया गया है कि यह स्थिति असामान्य नहीं है, बल्कि संवैधानिक पदों पर तैनात अधिकारियों की स्वाभाविक प्रक्रिया का हिस्सा है।

आईएएस अधिकारियों की वापसी

धनखड़ के साथ काम कर रहे उनके विशेष कार्य अधिकारी, प्रमुख निजी सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी आईएएस कैडर से संबद्ध थे। जैसे ही उपराष्ट्रपति ने इस्तीफा दिया, नियमों के तहत इन सभी अधिकारियों को मूल सेवा में लौटने की प्रक्रिया शुरू हो गई। इनका कार्यकाल उपराष्ट्रपति की सेवा अवधि तक ही सीमित होता है।

स्वास्थ्य कारणों से दिया इस्तीफा, देश में शुरू हुई चर्चा

ध्यान देने योग्य है कि जगदीप धनखड़ ने बीते सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को अपना इस्तीफा सौंपा था। उन्होंने अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए यह निर्णय लिया। यह इस्तीफा न केवल राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना, बल्कि देशभर में भी इसे लेकर कई अटकलें लगाई जाने लगीं।
धनखड़ का इस्तीफा अचानक आया और उसके बाद उपराष्ट्रपति सचिवालय में जो तेजी से बदलाव हुए, उन्होंने इस संवैधानिक पद की प्रक्रियात्मक व्यवस्था को भी लोगों के सामने लाकर रख दिया है।

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