आत्महत्या मामले में मीडिया ट्रायल और गिरफ्तारी पर बहस
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार को एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की खुदकुशी के मामले में उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया के चाचा सुशील सिंघानिया को अग्रिम जमानत दे दी। यह आदेश न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने उस याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया, जिसे निकिता सिंघानिया और उसके परिवार के अन्य सदस्यों की ओर से दायर किया गया था। याचिका में सुशील सिंघानिया के खिलाफ अग्रिम जमानत की मांग की गई थी।
मामले की पृष्ठभूमि और जमानत की याचिका
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष तिवारी ने अदालत में दलील दी कि मृतक अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा और साले अनुराग को पहले ही बेंगलुरु पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। तिवारी ने यह भी बताया कि सुशील सिंघानिया की गिरफ्तारी के लिए यह याचिका दायर की गई थी, और यह गिरफ्तारी कथित सुसाइड नोट के आधार पर की गई थी। इसके साथ ही, वकील ने अदालत को सूचित किया कि एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिससे सुशील सिंघानिया को मीडिया ट्रायल का सामना करना पड़ रहा है।
मनीष तिवारी ने अपनी दलील में यह भी कहा कि सुशील सिंघानिया 69 वर्ष के वृद्ध व्यक्ति हैं और उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता, जिससे उनके द्वारा आत्महत्या के लिए उकसाने की संभावना पर सवाल उठता है। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि सुशील सिंघानिया को सुरक्षा प्रदान की जाए, ताकि वह अदालत और संबंधित अधिकारियों के समक्ष अपनी स्थिति स्पष्ट कर सकें।
अदालत का आदेश और अग्रिम जमानत
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद निर्णय लिया और कहा कि याचिकाकर्ता सुशील सिंघानिया अग्रिम जमानत का लाभ पाने के योग्य हैं। इसके बाद अदालत ने आदेश दिया कि अगर उनकी गिरफ्तारी होती है, तो उन्हें अग्रिम जमानत पर रिहा किया जाएगा। इसके साथ ही, अदालत ने कुछ शर्तों के साथ सुशील सिंघानिया को जमानत दी, जिनमें यह शर्त भी थी कि अगर उनके पास पासपोर्ट है, तो उसे संबंधित पुलिस अधिकारी के पास जमा करना होगा।
अतुल सुभाष की खुदकुशी और आरोप
अतुल सुभाष ने अपनी पत्नी और ससुराल पक्ष पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में एक सुसाइड नोट और एक वायरल वीडियो भी सामने आया था, जिसमें अतुल ने मानसिक उत्पीड़न और प्रताड़ना का आरोप लगाया था। सोशल मीडिया पर इस मामले ने काफी ध्यान आकर्षित किया, और आरोपियों के खिलाफ मीडिया ट्रायल तेज हो गया।
इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब सुशील सिंघानिया को अग्रिम जमानत मिलने के बाद, यह साफ हो गया है कि मामले में और जांच जारी रहेगी और सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।