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बांग्लादेश में बिगड़े हालातों के बीच भारत ने सीमा पर निगरानी के लिए समिति का गठन किया

Bangladesh: शुक्रवार को बांग्लादेश में हिंसा और अनिश्चितता के बीच, भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। भारत-बांग्लादेश बॉर्डर (IBB) पर स्थिति की निगरानी के लिए एक नई समिति का गठन किया गया है। इस समिति का उद्देश्य बांग्लादेश में रह रहे भारतीय नागरिकों और अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और बांग्लादेश के समकक्ष अधिकारियों के साथ संपर्क बनाए रखना है।

समिति का नेतृत्व अपर महानिदेशक (एडीजी) सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), पूर्वी कमांड करेंगे। समिति के अन्य सदस्य में महानिरीक्षक (आईजी) बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय दक्षिण बंगाल, महानिरीक्षक (आईजी) बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय त्रिपुरा, सदस्य (योजना और विकास) भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण (LPAI), और सचिव, LPAI शामिल होंगे। यह समिति सीमा पर स्थिति की निगरानी करेगी और आवश्यक कार्रवाई करेगी।

बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों का भारत की ओर रुख और सीमा पर सुरक्षा

बांग्लादेश में हालात के बिगड़ने के बाद वहां के अल्पसंख्यक बड़ी संख्या में भारत-बांग्लादेश सीमा की ओर रुख कर रहे हैं। खासकर पश्चिम बंगाल की सीमा पर बांग्लादेशी हिंदू नागरिकों की भारी भीड़ जमा हो रही है। बांग्लादेशी अल्पसंख्यक भारत में प्रवेश करना चाह रहे हैं, जिससे सिलीगुड़ी, किशनगंज और मुकेश पोस्ट जैसे सीमा क्षेत्र में दबाव बढ़ गया है।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के अधिकारी लगातार संपर्क में हैं ताकि सीमा पर नियंत्रण बनाए रखा जा सके। बीएसएफ नियमों के अनुसार केवल उन व्यक्तियों को भारतीय सीमा में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है जिनके पास वैध कानूनी दस्तावेज हैं।

सीमा पर व्यापार और निगरानी के उपाय

समिति के गठन के बाद, सीमा पर स्थिति की निगरानी और नियंत्रण बनाए रखने के लिए बीएसएफ और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के कमांडर लेवल के अधिकारी आपस में संवाद कर रहे हैं। केवल वैध दस्तावेज वाले व्यक्तियों को इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट के माध्यम से भारत की सीमा में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है। इसके साथ ही, नियमित व्यापार भी शुरू हो गया है, जो सीमा पर संचार और प्रबंधन को सुव्यवस्थित करता है।

भारत सरकार ने इस कदम के माध्यम से बांग्लादेश में उत्पन्न संकट के दौरान सुरक्षा और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अपनी संजीदगी को दर्शाया है। समिति का गठन और सीमा पर निगरानी के उपाय, भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं कि वह अपने नागरिकों और अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानता है।

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