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नेपाल बॉर्डर पर सकुशल मिली अर्चना तिवारी..अब पूछताछ से हटेगा रहस्य से पर्दा

Archana Tiwari Missing: भोपाल से नर्मदा एक्सप्रेस में सफर के दौरान 7 अगस्त को रहस्यमय ढंग से लापता हुई 28 वर्षीय अधिवक्ता अर्चना तिवारी आखिरकार 12 दिन बाद उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के पलियाकलां क्षेत्र में नेपाल बॉर्डर के पास सकुशल बरामद की गई हैं। यह जानकारी देर रात भोपाल रेल पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा ने दी।उन्होंने बताया कि अर्चना पूरी तरह सुरक्षित हैं, लेकिन वह नेपाल सीमा तक कैसे पहुंचीं, इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा गया है। अर्चना को भोपाल लाया जा रहा है, और पूछताछ के बाद ही घटना की पूरी तस्वीर सामने आएगी।

फोन कॉल से दूर हुई अनहोनी की आशंका

इससे पहले मंगलवार सुबह अर्चना के मुंहबोले भाई और युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष दिव्यांशु अंशु मिश्रा को अर्चना का फोन आया। अर्चना से बात होने के बाद परिवार ने राहत की सांस ली, क्योंकि 12 दिन से उनके सुरक्षित होने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई थी।

इंदौर से कटनी जा रही थीं, बीच रास्ते में लापता

अर्चना मूल रूप से मध्यप्रदेश के कटनी जिले की रहने वाली हैं और इंदौर के एक हॉस्टल में रहकर ज्यूडिशियल सर्विस की तैयारी कर रही थीं। वह रक्षाबंधन के दिन 7 अगस्त को अपने भाई को राखी बांधने के लिए इंदौर से कटनी जाने के लिए नर्मदा एक्सप्रेस से निकली थीं, लेकिन वह रास्ते में लापता हो गईं।पुलिस जांच में उनके मोबाइल की अंतिम लोकेशन भोपाल के कमलापति रेलवे स्टेशन पर मिली थी, जिसके बाद से उनका फोन स्विच ऑफ हो गया था। यह स्थिति हादसे की आशंका को जन्म देने लगी, और तभी से भोपाल जीआरपी अर्चना की तलाश में जुट गई थी।

पुलिस ने लगाया था पूरा जोर

अर्चना के लापता होने के बाद पुलिस ने रेलवे स्टेशन, ट्रैक और गलों में तलाशी अभियान चलाया। सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और साइबर सेल की मदद ली गई। इस बीच पुलिस को इनपुट मिला कि अर्चना नेपाल भागने की फिराक में हो सकती हैं, जिसके बाद पुलिस की टीम लखीमपुर खीरी में डेरा डालकर निगरानी कर रही थी।तीन दिन की निगरानी के बाद अंततः अर्चना को नेपाल सीमा के पास पलियाकलां से बरामद किया गया। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वह नेपाल जाने की कोशिश कर रही थीं या उन्हें वहां जबरन ले जाया गया।

सिपाही से पूछताछ, जांच में नया मोड़

इस केस में नया मोड़ तब आया जब पुलिस ने ग्वालियर में तैनात सिपाही राम तोमर को हिरासत में लेकर पूछताछ की। कहा जा रहा है कि अर्चना की ट्रेन यात्रा का टिकट इसी सिपाही ने बुक किया था, इसलिए उसकी भूमिका पर संदेह जताया गया है।पुलिस अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या सिपाही का अर्चना के लापता होने से कोई सीधा संबंध है या वह केवल टिकट बुकिंग तक ही सीमित था।

अब पूछताछ से हटेगा रहस्य से पर्दा

अर्चना के मिलने के बाद अब यह मामला पूरी तरह से जांच के दायरे में आ गया है। पुलिस को उम्मीद है कि अर्चना से विस्तृत पूछताछ के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि:

वह अचानक क्यों और कैसे लापता हुईं?

क्या किसी ने उन्हें जबरदस्ती रोका या बहलाया-फुसलाया?
नेपाल सीमा तक पहुंचने के पीछे क्या मंशा थी?
और क्या इस घटना में कोई अन्य व्यक्ति शामिल है?

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