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हरियाणा चुनाव परिणाम पर असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा की प्रतिक्रिया: कांग्रेस को मिला सबक

हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। सरमा ने कहा कि हरियाणा के चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए एक सबक हैं कि हिंदू समाज को बांटकर कोई राज्य नहीं चलाया जा सकता। उन्होंने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की आलोचना करने पर भी कांग्रेस पर निशाना साधा और कांग्रेस मुख्यमंत्रियों से कहा कि अगर वे ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं, तो पहले इस्तीफा दें।

हिंदू समाज को बांटने की कोशिश पर कांग्रेस को मिली सजा

सरमा ने हरियाणा चुनाव के परिणामों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हरियाणा के लोगों ने कांग्रेस को साफ संदेश दिया है कि हिंदू समाज को विभाजित करने की राजनीति सफल नहीं हो सकती। उन्होंने कहा, “हिंदू समाज भी समझता है कि राहुल गांधी और कांग्रेस किस तरह हिंदुओं को बांटने का प्रयास कर रहे हैं।” उन्होंने इस चुनाव परिणाम को कांग्रेस के “कुख्यात गेम प्लान” के खिलाफ हिंदुओं की एकजुटता के प्रतीक के रूप में देखा।

ईवीएम पर सवाल उठाने के कांग्रेस के रवैये की आलोचना

ईवीएम की आलोचना को लेकर भी असम सीएम ने कांग्रेस पर हमला किया। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस चुनाव जीतती है, तो ईवीएम पर कोई सवाल नहीं उठाया जाता, लेकिन जब वह हारती है, तो ईवीएम को दोषी ठहराती है। सरमा ने इसे कांग्रेस का “पुराना हथकंडा” करार दिया। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि कांग्रेस को विश्वास था कि वे हरियाणा में जीतेंगे, इसलिए बैंड वालों को बुलाया था, लेकिन जब नतीजे आए तो उन्हें बैंड वालों को बिना भुगतान किए वापस भेजना पड़ा।

हरियाणा में बीजेपी की तीसरी बार सत्ता में वापसी

हरियाणा में बीजेपी ने तीसरी बार सत्ता में वापसी की है। बीजेपी को 48 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस केवल 37 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई है। इस चुनाव परिणाम ने बीजेपी की ताकत को और मजबूत किया है, जबकि कांग्रेस को एक बार फिर से हार का सामना करना पड़ा है। सरमा के अनुसार, यह परिणाम हिंदू समाज की एकजुटता और कांग्रेस की विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ स्पष्ट संदेश है।

हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणामों ने कांग्रेस को एक स्पष्ट संदेश दिया है कि हिंदू समाज को बांटकर सत्ता में आना संभव नहीं है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस चुनाव परिणाम को कांग्रेस की विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ एक सबक बताया। साथ ही, ईवीएम पर सवाल उठाने की कांग्रेस की नीति की भी आलोचना की और इसे उनकी हार की हताशा का परिणाम कहा।

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