हेमंत बिस्वा सरमा की घोषणा
असम सरकार ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया और राज्य में गोमांस पर प्रतिबंध लगा दिया। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस फैसले का ऐलान करते हुए कहा कि अब राज्य में किसी भी होटल या रेस्तरां में गोमांस परोसा नहीं जाएगा और न ही इसे सार्वजनिक स्थानों या समारोहों में परोसा जाएगा। यह निर्णय राज्य की कैबिनेट बैठक में लिया गया, जो दिल्ली में आयोजित की गई थी, जिसमें अन्य मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे।
गोहत्या को रोकने के लिए उठाए गए कदम
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस फैसले के पीछे के कारण को स्पष्ट करते हुए बताया कि असम सरकार ने तीन साल पहले गोहत्या पर रोक लगाने के लिए एक कड़ा कानून बनाया था। इस कानून के जरिए राज्य में गोहत्या पर प्रभावी तरीके से काबू पाया गया था और अब इस नए फैसले के माध्यम से राज्य में गोमांस की खपत को और भी नियंत्रित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि असम सरकार ने पहले मंदिरों के पास गोमांस खाने पर रोक लगाने का कदम उठाया था, लेकिन अब इसे पूरे राज्य में लागू करने का निर्णय लिया गया है।
होटल, रेस्तरां और सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस पर प्रतिबंध
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस आदेश के तहत राज्य के किसी भी होटल, रेस्तरां या सार्वजनिक स्थल पर गोमांस परोसने की अनुमति नहीं होगी। इससे पहले जहां सिर्फ मंदिरों के पास गोमांस खाने पर रोक थी, अब यह प्रतिबंध पूरे राज्य में लागू होगा। उनका कहना था कि असम सरकार ने जो कदम तीन साल पहले गोहत्या को रोकने के लिए उठाया था, अब उसे और भी सख्ती से लागू किया जाएगा।
मंत्री पीजूष हजारिका का बयान
असम सरकार के मंत्री पीजूष हजारिका ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए असम कांग्रेस को चैलेंज किया कि वे या तो इस फैसले का स्वागत करें या फिर पाकिस्तान जाएं। मंत्री का यह बयान राजनीतिक रूप से काफी तीव्र था, जो राज्य की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है।
असम सरकार का दृष्टिकोण
असम सरकार का यह कदम राज्य में गोमांस की खपत को पूरी तरह से समाप्त करने और समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक सद्भाव को बनाए रखने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। यह फैसला असम में विभिन्न समुदायों के बीच सामंजस्य बनाए रखने के प्रयासों के तहत लिया गया है।
इस फैसले से न केवल राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं को संरक्षण मिलेगा, बल्कि यह राज्य के नागरिकों को गोहत्या से जुड़ी समस्याओं से भी छुटकारा दिला सकता है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और उनकी सरकार ने इस फैसले को राज्य की सामाजिक व्यवस्था को मजबूत करने के रूप में प्रस्तुत किया है।
असम सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय राज्य की गोहत्या विरोधी नीतियों और गोमांस की खपत पर नियंत्रण के प्रयासों का एक और हिस्सा है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसे राज्य में सामाजिक सद्भाव बनाए रखने और धार्मिक कर्तव्यों के सम्मान की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है।