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कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हमले, एडमोंटन के बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़

Canada Hindu Temple: कनाडा में हिंदू पूजा स्थलों पर हमलों की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। ताजा घटना में एडमोंटन के बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़ की गई है। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने बताया कि मंदिर पर सुबह-सुबह भारत विरोधी नारे लिखे गए। इसके साथ ही भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्य पर भी हमला किया गया है। इस घटना के पीछे खालिस्तानी समर्थकों का हाथ होने का आरोप लग रहा है।

सांसद चंद्र आर्य की प्रतिक्रिया

नेपियन के संसद सदस्य चंद्र आर्य ने हिंदू-कनाडाई समुदायों के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “एडमोंटन में हिंदू मंदिर बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर को फिर से तोड़ा गया है। पिछले कुछ सालों से ग्रेटर टोरंटो एरिया, ब्रिटिश कोलंबिया और कनाडा के अन्य स्थानों में भारत विरोधी नारों के साथ तोड़फोड़ की जा रही है।”

खालिस्तानी चरमपंथियों पर आरोप

सांसद आर्य ने अपने पोस्ट में खालिस्तानी चरमपंथियों को मिली छूट की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा, “जैसा कि मैं हमेशा से कहता रहा हूं, खालिस्तानी चरमपंथी नफरत और हिंसा की अपनी सार्वजनिक बयानबाजी से आसानी से बच निकलते हैं। मैं एक बार फिर से बोलना चाहता हूं, हिंदू कनाडाई सच में परेशान हैं। मैं फिर से कनाडा की कानून प्रवर्तन एजेंसियों से इस मुद्दे को गंभीरता से लेने का आह्वान करता हूं, इससे पहले कि ये बयानबाजी हिंदू कनाडाई लोगों के खिलाफ हमलों में तब्दील हो जाए।”

पिछले हमले और कार्रवाई की मांग

पिछले साल विंडसर में एक हिंदू मंदिर को भी भारत विरोधी भित्तिचित्रों से क्षतिग्रस्त कर दिया गया था, जिसकी व्यापक निंदा हुई थी। कनाडाई और भारतीय दोनों अधिकारियों ने इस घटना पर कार्रवाई की मांग की थी।

कानून प्रवर्तन की भूमिका

आर्य ने कनाडा की कानून प्रवर्तन एजेंसियों से इस प्रकार की घटनाओं को गंभीरता से लेने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि खालिस्तानी चरमपंथियों को नफरत और हिंसा फैलाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और इस मुद्दे को सख्ती से निपटाना चाहिए।

हिंदू पूजा स्थलों पर हमलों की घटनाएं चिंताजनक

कनाडा में हिंदू पूजा स्थलों पर हमलों की घटनाएं चिंताजनक हैं। सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इन घटनाओं को गंभीरता से लेकर उचित कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और सामुदायिक शांति बनी रहे।

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