Shubhanshu Shukla Axiom-4 Mission: एक्सिओम-4 मिशन के तहत भेजे गए चार अंतरिक्ष यात्री पहले ही अंतरिक्ष में रवाना हो चुके हैं। यह मिशन 14 दिनों के लिए लो-अर्थ ऑर्बिट (निम्न पृथ्वी कक्षा) में संचालित हो रहा है। भारतीय समयानुसार आज शाम 4:30 बजे ड्रैगन अंतरिक्ष यान अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के हार्मनी मॉड्यूल के स्पेस फेसिंग पोर्ट पर डॉक करेगा। यह डॉकिंग करीब 28 घंटे की यात्रा के बाद होगी।
डॉकिंग का महत्व
डॉकिंग का मतलब है ड्रैगन अंतरिक्ष यान का ISS से जुड़ जाना। इससे मिशन क्रू के चारों सदस्य ISS में प्रवेश कर सकेंगे। डॉकिंग मिशन की सफलता के लिए बेहद आवश्यक होती है क्योंकि इसके बाद ही चालक दल अंतरिक्ष स्टेशन पर रहकर अपने अनुसंधान कार्यों को अंजाम दे पाएगा।
मिशन की मुख्य गतिविधियाँ और अनुसंधान
14 दिन के इस मिशन के दौरान शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किए गए महत्वपूर्ण प्रयोग करेंगे। इनमें भारतीय सुपरफूड जैसे मूंग, मेथी, समुद्री शैवाल (अल्गी), और सूक्ष्म जीवों पर शोध शामिल है, जो भारतीय कृषि और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई संभावनाएँ खोल सकते हैं।शुभांशु शुक्ला मानव शरीर पर अंतरिक्ष के प्रभाव का अध्ययन भी करेंगे। वे अपने साथ ‘जॉय’ नामक एक सफेद हंस जैसा खिलौना लेकर गए हैं, जो शून्य गुरुत्वाकर्षण के माहौल को समझाने में मदद करेगा। यह खिलौना छात्रों और आम जनता को अंतरिक्ष की जटिलताओं को सरल रूप में समझाने का माध्यम होगा। मिशन के दौरान शुभांशु शुक्ला लोगों से संवाद भी करेंगे, ताकि अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके।
इतिहास में एक महत्वपूर्ण मिशन
यह मिशन ISS पर अब तक आयोजित सबसे बड़े और व्यापक वैज्ञानिक शोधों में से एक माना जा रहा है। मिशन के दौरान कुल 60 प्रयोग और वैज्ञानिक अध्ययन किए जाएंगे, जो अंतरिक्ष विज्ञान में नए आयाम स्थापित करेंगे।