Aarti Shri Ram Ji Ki: आज, 11 जनवरी 2025, अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ मनाई जा रही है। यह ऐतिहासिक दिन राम भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन रामलला की मूर्ति की प्रतिष्ठा हुई थी और अयोध्या में एक नया अध्याय शुरू हुआ था। इस अवसर पर मंदिर में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस महापर्व पर रामलला की मूर्ति की प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में मनाई जाएगी।
इस विशेष दिन को ध्यान में रखते हुए, हम आपको श्रीराम की आरती का पाठ करने की सलाह देते हैं, क्योंकि इस आरती के जरिए भगवान राम की कृपा प्राप्त की जा सकती है और यह शुभफल देने वाली मानी जाती है। रामलला की आरती को गाने और सुनने से व्यक्ति की सारी मानसिक शांति और सुख प्राप्त हो सकते हैं, और यह दिन के आशीर्वाद के रूप में माना जाता है।
रामलला की आरती का पाठ और महत्व
रामलला की आरती का पाठ भगवान राम के प्रति भक्ति और श्रद्धा को व्यक्त करता है। इस आरती के शब्द भगवान राम की महिमा का वर्णन करते हुए उनके गुणों और कृतियों की पूजा करते हैं। इस आरती का नियमित पाठ न केवल भगवान राम के आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक साधन है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि भी लाता है।
श्रीराम की आरती
“श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भव भय दारुणं।
नव कंजलोचन, कंज – मुख, कर – कंज, पद कंजारुणं।।
कंन्दर्प अगणित अमित छबि नवनील – नीरद सुन्दरं।
पटपीत मानहु तडित रुचि शुचि नौमि जनक सुतवरं।।
भजु दीनबंधु दिनेश दानव – दैत्यवंश – निकन्दंन।
रधुनन्द आनंदकंद कौशलचन्द दशरथ – नन्दनं।।
सिरा मुकुट कुंडल तिलक चारू उदारु अंग विभूषां।
आजानुभुज शर – चाप – धर सग्राम – जित – खरदूषणमं।।
इति वदति तुलसीदास शंकर – शेष – मुनि – मन रंजनं।
मम हृदय – कंच निवास कुरु कामादि खलदल – गंजनं।।
मनु जाहिं राचेउ मिलहि सो बरु सहज सुन्दर साँवरो।
करुना निधान सुजान सिलु सनेहु जानत रावरो।।
एही भाँति गौरि असीस सुनि सिया सहित हियँ हरषीं अली।
तुलसी भवानिहि पूजी पुनिपुनि मुदित मन मन्दिरचली।।”
रामलला की आरती का प्रभाव और लाभ
श्रीराम की आरती का पाठ करने से भक्तों की जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकता है। यह आरती न केवल भगवान राम की महिमा का बखान करती है, बल्कि यह व्यक्ति के हृदय को पवित्र भी करती है। श्रीराम के प्रति भक्ति और श्रद्धा बढ़ाती है, जिससे भक्तों की आस्था मजबूत होती है। साथ ही, यह व्यक्ति के जीवन से हर प्रकार के भय और संकट को दूर करने में मदद करती है।
आज के दिन, जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ मनाई जा रही है, राम की आरती का पाठ विशेष महत्व रखता है। इस आरती से रामलला की कृपा प्राप्त करने का मार्ग खुलता है, जो भक्तों के जीवन को उज्जवल और संपूर्ण बनाता है।